कानपुर: गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर मामले पर उत्तर प्रदेश में कानपुर पुलिस के एडीजी प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने विकास दुबे के एनकाउंटर की पूरी कहानी बताई. उन्होंने कहा, पहले विकास दुबे से सरेंडर करने के लिए कहा गया था लेकिन उसने पुलिसवालों को जान मारने की नियत से फायरिंग की. जिसके बाद बचाव में पुलिस ने उसपर गोली चलाई.
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा विकास दुबे को गिरफ्तार किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश एसटीएफ पुलिस उसे कानपुर लगा रही थी. कानपुर पहुंचने से पहले पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई. दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. इस दौरान विकास दुबे ने घायल पुलिसवालों की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की. पुलिस टीम ने उसे घेरकर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया. लेकिन वह नहीं माना और जान से मारने की नियत से पुलिस टीम पर फायरिंग करने लगा. इसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई की गई, जिसमें वह घायल हो गया. उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस घटना में चार पुलिसकर्मी घायल हुए, एसटीएफ के दो कर्मी घायल हुए.
उन्होंने बताया, दो जुलाई को कानपुर एनकाउंटर मामले में कुल 21 आरोपी नामजद हैं और 60 से 70 अन्य अभियुक्त थे. जिसमें से अब तक 3 लोग गिरफ्तार हुए हैं, 6 मारे गए हैं और 120 बी के अंदर 7 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है. 12 इनामी बदमाश वांछित चल रहे हैं.
दुबे का पोस्टमार्टम से पहले होगा कोरोना टेस्ट
विकास दुबे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने से पहले उसका कोविड-19 टेस्ट होगा. इस गैंगस्टर के शव को अभी हेलेट अस्पताल में ही रखा गया है और अभी तक पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा गया है. अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, पोस्टमार्टम एक बार कोरोना रिपोर्ट आने के बाद ही होगा.
अभी तक हालांकि गैंगस्टर के परिवार का कोई भी सदस्य उसकी मौत की खबर सुनने के बाद अस्पताल नहीं पहुंचा है. दुबे की मां सरला दुबे लखनऊ में है, लेकिन उन्होंने मीडिया कर्मियों से मिलने से मना कर दिया है. कृष्णा नगर क्षेत्र में लखनऊ आवास के बाहर कई पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है.
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