'जिन्ना की भूमिका निभा रहे...', कांवड़ विवाद पर असदुद्दीन औवेसी के बयान पर बीजेपी नेता का पलटवार
Kanwar Yatra 2024: UP और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगाने के निर्देश जारी किया है. विपक्ष लगातार इसको लेकर हमलवार है.
Kanwar Yatra 2024: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने हाल में ही कावड़ यात्रा मार्ग पर ढाबों और रेस्टोरेन्ट को उनके मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का निर्देश दिया था. सरकार के फैसले से विवाद हो गया है. विपक्ष ने इस आदेश को भेदभावपूर्ण बताया है.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह आदेश भारत में मुसलमानों के खिलाफ गहरी नफरत को दर्शाता है. उनके इस बयान पर पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख सुकांत मजूमदार ने पलटवार किया है.
असदुद्दीन ओवैसी ने कही थी ये बात
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर लिखा था, 'यूपी के कावड़ मार्गों पर डर. यह भारतीय मुसलमानों के लिए नफरत की वास्तविकता है. इस आंतरिक नफरत का श्रेय राजनीतिक दलों, हिंदुत्व के नेताओं और तथाकथित दिखावटी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को जाता है.
सुकांत मजूमदार ने किया पलटवार
असदुद्दीन ओवैसी पर पलटवार करते हुए सुकांत मजूमदार ने कहा, 'विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है और झूठ फैला रहा है. इसी तरह की अधिसूचना मुलायम सिंह यादव की सरकार के दौरान जारी की गई थी, और अखिलेश यादव की सरकार ने भी ऐसी अधिसूचना जारी की थी. यह एक नियमित अभ्यास है और विशेष रूप से कावड़ यात्रा के लिए नहीं है.
उन्होंने आगे कहा, 'कानून कहता है कि नाम दर्ज किया जाए, धर्म के आधार पर किसी की पहचान नहीं की जाए. जो हिंदू नॉनवेज खाते हैं, वे मुस्लिम दुकानों में जाते हैं. पश्चिम बंगाल में हम ऐसी कई दुकानों पर जाते हैं, जिन्हें मुस्लिम चलाते हैं. विपक्ष लोगों को बांटने की कोशिश कर रहा है और असदुद्दीन औवेसी जिन्ना की भूमिका निभा रहे हैं.''
तेजी से की जा रही है तैयारी
मुजफ्फरनगर SSP अभिषेक सिंह ने कांवड़ यात्रा के लिए मुजफ्फरनगर में सुरक्षा व्यवस्था पर कहा, "कांवड़ यात्रा को लेकर बहुत तेजी से तैयारी की जा रही है, इसके लिए अंतर्राज्यीय, अंतर जनपदीय, अंतर विभागीय समन्वय बैठक हो चुकी है क्योंकि इसमें हर विभाग की भूमिका है. जहां एंट्री पॉइंट है, वहां हम उत्तराखंड पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त कंट्रोल रूम बनाएंगे, ताकि अंतरराज्यीय समन्वय में कोई दिक्कत न आए. इसके लिए हमने RAF की एक कंपनी और PAC की 6 कंपनियां मंगवाई हैं. कांवड़ रूट को सुपर जोन, सुपर सुपर जोन, सेक्टर, सब सेक्टर में बांटा गया है. मेडिकल कैंप की भी व्यवस्था की गई है. लगभग 250 से ज्यादा कांवड़ शिविर लगाए जा रहे हैं. ड्रोन से निगरानी की जा रही है, ट्रैफिक वाले जगहों पर ड्रोन की खास व्यवस्था रहेगी. ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत हमने काफी बड़े क्षेत्र में CCTV कैमरे लगाए हैं."