कपिल मिश्रा की मंत्री पद से हुई छुट्टी, जानें आखिर क्या है आम आदमी पार्टी का घमासान?
नई दिल्ली : दिल्ली एमसीडी में 'आप' को मिली करारी हार के बाद पार्टी में आपसी लड़ाई जारी है. आज कपिल मिश्रा की दिल्ली के जल मंत्री पद से छुट्टी कर दी गई. गौरतलब है कि कपिल मिश्रा ने पार्टी में मचे घमासान के बाद कुमार विश्वास का समर्थन खुले आम किया था. सवाल उठ रहे है कि क्या इसकी वजह से उनकी छुट्टी हुई है?
मंत्री पद से हटाए जाने के बाद कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा है, ”कल टैंकर घोटाले में बहुत बड़ा खुलासा करूंगा. आज इस बारे में केजरीवाल को जानकारी दे दी है. कल जनता से इसे साझा करूंगा. भ्रष्टाचार के खिलाफ खुली जंग कल सुबह से.”
अब तो यह कल ही पता चल पाएगा कि दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा क्या खुलासा करते हैं?
आइए सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं कि आम आदमी पार्टी का घमासान है क्या?
दिल्ली एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी की बुरी हार के बाद कुमार विश्वास ने कहा था, ‘’सफलता के सौ पिता होते हैं, असफलता की कोई मां नहीं होती. आज हम हारे हैं तो ये हमारे लिए वक्त है कि हम बैठकर दोबारा आत्मचिंतन करें कि हम चले कहां से थे. पहुंचे कहां हैं. हमारे सामने क्या समस्याएं आ रही है.’’
एक तरफ कुमार विश्वास इशारों इशारों में अरविंद केजरीवाल को आत्मचिंतन की सलाह दे रहे थे. दूसरी तरफ पार्टी के अंदर उनको संयोजक बनाने की मांग उठने लगी थी. कुमार विश्वास को आप का संयोजक बनाने की मांग के बाद विधायक अमानतुल्लाह ने कुमार विश्वास पर बीजेपी का एजेंट होने और विधायकों को खरीदने का आरोप लगाते हुए पीएसी से इस्तीफा दिया था.
जिसके बाद कुमार विश्वास का कहना था कि वो इस आरोप से आहत हैं. बाद में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और अरविंद केजरीवाल के दाहिने हाथ कहे जाने वाले मनीष सिसोदिया सामने आए और कुमार विश्वास पर पलटवार किया था. इस पूरे मामले में कपिल मिश्रा कुमार विश्वास के साथ नजर आए थे.
तब पार्टी में मची खींचातानी के बीच इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया था, ‘’कुमार मेरा छोटा भाई है. कुछ लोग हमारे बीच दरार दिखा रहे हैं,ऐसे लोग पार्टी के दुश्मन हैं. वो बाज आयें. हमें कोई अलग नहीं कर सकता.’’
कपिल ने दिया था कुमार विश्वास का साथ
एमसीडी चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद कपिल ने विश्वास के बयान का समर्थन करते हुए कहा था पार्टी ईवीएम के कारण नहीं हारी है. कपिल ने कहा था, ‘’आत्मविश्लेषण का समय आ गया है. चाहे मोदी लहर हो या नहीं, यह स्पष्ट हो गया है कि लोगों ने हमें वोट नहीं दिया है. एमसीडी परिणाम को महज ईवीएम पर दोष मढ़कर नहीं देखा जा सकता है.’’
कपिल ने विधायक अमानतुल्लाह की विश्वास के साथ जुबानी जंग में भी विश्वास का साथ दिया था और अमानतुल्लाह को पार्टी से बाहर करने की मांग की थी.
इससे पहले साल 2015 के अगस्त महीने में कपिल मिश्रा ने दिल्ली जल बोर्ड टैंकर घोटाले की जांच की बात कही थी. दिल्ली के कानून मंत्री के तौर पर तब उनको कानून मंत्री के पद से भी हटाया गया था. उस दौरान कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी भी लिखी थी.
वहीं कुछ दिन पहले जब कुमार विश्वास ने कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर वीडियो रिलीज किया तो इसे भी केजरीवाल पर हमला माना गया था. कुमार विश्वास का यह वीडियो आने के बाद उनपर माफी मांगने का दबाव बढ़ा लेकिन उन्होंने माफी मांगने से साफ मना कर दिया और साथ ही पार्टी के सामने अपनी तीन शर्तें रखी थी.
हम भारत के लोग! We, The Nation! Watch, Listen and Share if you feel for Nation! ????????????https://t.co/xKqFQuVB5j — Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) April 14, 2017
ये थी कुमार विश्वास की तीन शर्तें?
सबसे अहम औऱ बड़ी शर्त ये थी कि अमानतुल्लाह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए. जिसे पूरा कर दिया गया. इसके अलावा तीन शर्तें रखी थीं.
पहली शर्त- कुमार विश्वास की पहली शर्त थी कि उन्होंने कश्मीर सेना पर हमले को लेकर जो वीडियो जारी किया है ‘वी द नेशन’ उसपर कोई माफी नही मांगेगे. और वो अपनी शर्त पर अड़े रहे.. और उनकी जीत हुई. इस वीडियो के बहाने उनपर आरोप लगाए जा गए कि उन्होंने केजरीवाल पर निशाना साधा है, उसपर वह किसी तरह से माफी मांगने को तैयार नहीं हैं.
दूसरी शर्त- इसके साथ ही कुमार विश्वास की दूसरी शर्त थी कि पार्टी के जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं, उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो. पार्टी के भीतर भ्रष्टाचार के खिलाफ और दोषियों पर कार्रवाई करने को लेकर एक कमेटी बने. इसपर भी कमेटी बनाने का एलान हुआ है.
तीसरी शर्त- कुमार विश्वास की तीसरी शर्त है कि पार्टी में कार्यकर्ताओं की भूमिका कम कर दी गई है, उसे दोबारा बहाल किया जाए.