नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में इस सप्ताह सांप्रदायिक दंगे शुरू होने से पहले नफरत भरे भाषण देने के आरोपी बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि सीएए विरोधियों से सड़क जाम खत्म करने की अपील को लेकर उनसे सवाल तो किया जा रहा है लेकिन जिन्होंने देश को बांटने की बात कही, उनसे सवाल नहीं पूछे जा रहे हैं.


पिछले सप्ताह संशोधित नागरिकता कानून के विरोधियों को सड़क से हटाने की बात करने वाले अपने भड़काऊ बयान को लेकर सुर्खियों में आये मिश्रा ने यहां जंतर मंतर से लेकर पुलिस मुख्यालय तक शांति मार्च निकालने के दौरान यह टिप्पणी की. इस कार्यक्रम के दौरान एक टीवी चैनल के पत्रकार के साथ उनके समर्थकों ने कथित रूप से धक्का मुक्की की।


हाल में दिल्ली में बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव हार गये आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन को उत्तर पूर्वी दिल्ली की हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया. मिश्रा ने कहा, ‘‘हम यहां पुलिसकर्मी रतन लाल , खुफिया ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा और जिहादी हिंसा की भेंट चढ़े अन्य लोगों को श्रद्धांजलि देने यहां आये हैं.’’


उन्होंने कहा, ‘‘ हम 70 से अधिक दिनों से अशालीन प्रदर्शन देख रहे हैं जिसमें कुछ बड़े नेता और तथाकथित कार्यकर्ता शामिल हैं. यह प्रदर्शन पुलिस और रक्षाबलों के खिलाफ भावनाएं भड़का रहा है. सीएए विरोध के नाम पर हिंसा, जो दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में फैली, खत्म होनी चाहिए, क्योंकि यह काफी दूर तक चली गयी है.’’