नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में मंत्री पद से बर्खास्त किए गए आप विधायक कपिल मिश्रा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उन्हीं के हथियार से घेरने की रणनीति अपनाई है. इसके लिए कपिल मिश्रा ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) और जनमत संग्रह को हथियार बनाया है.
आईएसी वही मंच है जिसके जरिए केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को घेरते हुए आंदोलन से राजनीति में आने का सफर तय किया. केजरीवाल ने सत्ता में आने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के मामले में जनमत संग्रह कराने को कहा था.
केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का दिल्ली के सत्ता में आने के बाद आईएसी संगठन लगभग बंद हो चुका था लेकिन अब कपिल मिश्रा ने केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने के लिए इसे फिर से जिंदा कर दिया है. कपिल मिश्रा ने कहा कि वह केजरीवाल के खिलाफ आईएसी के मंच से आंदोलन की शुरुआत कर उनके भ्रष्टाचार पर जनमत संग्रह से करेंगे.
आप के गठन से नाराज आईएसी के पुराने नेताओं ने मिश्रा के साथ बैठक कर केजरीवाल सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन तेज करने की रूपरेखा बनायी. इसके तहत दिल्ली के सभी सत्तर विधानसभा क्षेत्रों में रैली करने, पांच मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में उनके भ्रष्टाचार की प्रदर्शनी लगाने और केजरीवाल के विधानसभा क्षेत्र नई दिल्ली में जनमत संग्रह कराया जाएगा.
कपिल मिश्रा ने कहा कि जल्द ही संगठन के मंच से इस आंदोलन को लेकर आज शाम को खुलासा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के मंच का दुरुपयोग कर सत्ता तक का सफर तय किया है. अब आंदोलन के जरिए ही उनके भ्रष्टाचार को सार्वजनिक किया जायेगा.
मिश्रा ने बताया कि आप नेता कुमार विश्वास ने तीन दिन के अंदर पार्टी और दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार की शिकायतों पर अपना रुख साफ करने का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा कि आज ही कुमार विश्वास को उन्होंने आप सरकार में भ्रष्टाचार के सबूतों के तौर पर 16 हजार पेज वाला दस्तावेज भेजा है. अब उन्हें कुमार विश्वास के जवाब का इंतजार है.