'ये राजनीति का निचला स्तर', नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की कार्रवाई पर कपिल सिब्बल ने पढ़ाया कानून का पाठ
National Herald Case: मनी लॉन्ड्रिंग के मामले के तहत ईडी ने एजेएल की 752 करोड़ की संपत्ति कुर्क की. इसके लेकर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने ईडी और केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए हैं.
Kapil Sibal on National Herald Case: राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बुधवार (22 नवंबर) को कांग्रेस प्रोमोटेड नेशनल हेराल्ड अखबार की संपत्ति कुर्क करने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की आलोचना की. उन्होंने इसे राजनीति में एक नया निचला स्तर बताया.
ईडी ने मंगलवार (21 नवंबर) को कहा कि उसने नेशनल हेराल्ड अखबार और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत लगभग 752 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और इक्विटी शेयर जब्त किए हैं. यह अनंतरिम कुर्की का आदेश तब आया, जब पांच राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव चल रहे हैं.
ईडी ने 752 करोड़ की संपत्ति जब्त की
एक्स पर पोस्ट करते हुए राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, "ईडी ने यंग इंडिया (YI), एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 752 करोड़ की संपत्ति कुर्क की. यंग इंडिया शेयरधारक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्ति के मालिक हैं. उन पर धोखा देने का आरोप है. शेयर धारक कभी भी कंपनी की संपत्ति के मालिक नहीं होते हैं. यंग इंडिया एक गैर-लाभकारी कंपनी है. यह राजनीति का नया निचला स्तर है."
सिब्बल ने बताया कानून
पीटीआई से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा, "जब अज्ञानता आनंद हो, तो बुद्धिमान होना मूर्खता है. मुझे नहीं लगता ईडी इस कानून से अनजान होंगे. एक शेयरधारक केवल एक शेयरधारक होता है, संपत्ति का स्वामित्व कंपनी के पास होता है. यदि कपंनी परिसमापन में चली जाती है तो शेयरधारक को कुछ नहीं मिलता. तो फिर किसको किसने धोखा दिया? फिर धोखा देने का आरोप कैसा. किसने साजिश रची."
Young Indian(YI)
— Kapil Sibal (@KapilSibal) November 22, 2023
Associated Journals Ltd(AJL)
ED attaches 752cr worth properties of AJL
Allege :
YI shareholders owners of AJL’s assets
Cheating & Breach of trust
Law:
Shareholders are never owners of company’s assets
YI a not for profit company
A new low in politics
उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है ईडी और अदालतें दोनों कानून जानती है, इसलिए मैं थोड़ा चकित हूं. आज देश में ईडी सत्ता के निर्देशों पर काम कर रही है. यदि एजीएल का समापन हो जाता है, तो यह किसी अन्य गैर-लाभकारी कंपनी के पास चली जाएगी."