ट्विटर को मोदी सरकार के निर्देश पर भड़के सिब्बल, बताया सरकार का दोहरा मापदंड
एक दिन पहले ही सरकार ने ट्विटर के प्रतिनिधियों से मुलाकात में साफ कह दिया था कि भारत में सक्रिय ऐसे किसी भी प्लेटफॉर्म को भारत के संविधान और कानून का पालन करना ही होगा. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कंपनी के अपने भले ही कोई नियम हों, लेकिन उसे देश के कानूनों का पालन करना ही चाहिए.
नई दिल्ली: पूर्व सूचना एवं संचार तकनीकी मंत्री कपिल सिब्बल ने ट्विटर को सरकारी निर्देश पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए ऐसा किए जाने का विरोध किया है. एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत में सिब्बल ने कहा कि ट्विटर पर एकतरफा दबाव डालना अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला है.
कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर सरकार ट्वीटर पर एक तरह के ट्विट और ट्विटर अकाउंट हटाने का दबाव बना रही तो फिर खुद अपनी "ट्रोल आर्मी" के खिलाफ भी ऐसी ही कार्यवाई की मांग क्यों नहीं करते. सिब्बल ने आरोप लगाया कि साफ है सरकार ट्वीटर पर दबाव इसलिए बना रही क्योंकि वो डर गए हैं कि किसानों की नाराज़गी का खामियाज़ा अगले चुनाव में ना उठाना पड़े.
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही सरकार ने ट्विटर के प्रतिनिधियों से मुलाकात में साफ कह दिया था कि भारत में सक्रिय ऐसे किसी भी प्लेटफॉर्म को भारत के संविधान और कानून का पालन करना ही होगा. साथ हीं ये कह कर नाराज़गी भी ज़ाहिर की थी कि हाल में सरकार के निर्देश के बावजूद ट्विटर ने कई अकाउंटो के खिलाफ कार्रवाई काफी देर और बेमन तरीके से किया था.
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