(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कपिल सिब्बल की मांग- बगावत करने वाले जनप्रतिनिधियों के अगला चुनाव लड़ने पर लगाई जाए रोक
गहलोत सरकार से बगावत के बाद सचिन पायलट को इसी हफ्ते राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया.
नई दिल्ली: सचिन पायलट के बगावत करने के बाद राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का बड़ा बयान आया है. सिब्बल ने दल बदलने वाले सभी जन प्रतिनिधियों के पांच साल तक किसी सरकारी पद पर रहने और अगला चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने के लिए दल-बदल विरोधी कानून में संशोधन की मांग की.
सिब्बल ने यह भी कहा कि निर्वाचित सरकारों को सत्ता से बाहर करने के लिए 'भ्रष्ट तरीकों के वायरस' के खिलाफ 'एंटीबॉडीज' संविधान की दसवीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी कानून) के संशोधन में निहित हैं. पायलट के अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ खुले तौर पर बगावत करने के मद्देनजर उनकी यह टिप्पणी आयी है. पायलट को इस सप्ताह राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया. कांग्रेस ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल होकर गहलोत सरकार को गिराने की कोशिशें करने का आरोप लगाया है.
सिब्बल ने जाहिर तौर पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ''टीके की जरूरत है : निर्वाचित सरकारों को गिराने के लिए 'भ्रष्ट तरीकों' का वायरस दिल्ली में 'वुहान जैसे केंद्र' के जरिए फैल गया है.'' उन्होंने कहा, ''इसके 'एंटीबॉडीज' दसवीं अनुसूची के संशोधन में निहित हैं. सभी दल-बदलुओं के पांच साल तक किसी सरकार पद पर रहने और अगला चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाए.''
Need for Vaccine :
Virus of “ corrupt means “ to topple elected governments has spread through a “ Wuhan like facility “ in Delhi It’s “ antibodies “ lie in amending the Tenth Schedule Ban all defectors from : Holding public office for 5years Fighting the next election — Kapil Sibal (@KapilSibal) July 19, 2020
पायलट ने किया है बीजेपी में शामिल होने के दावों का खंडन
पायलट ने बीजेपी में शामिल होने के दावों का खंडन किया है. इस पर सिब्बल ने गुरुवार को पूछा था कि उनकी 'घर वापसी' का क्या हुआ और क्या राजस्थान के बागी विधायक बीजेपी की 'निगरानी' में हरियाणा में छुट्टियां मना रहे हैं.
राजस्थान में 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं जिनमें से 19 असंतुष्ट विधायकों को अध्यक्ष ने अयोग्य करार देने का नोटिस जारी किया है और उन्होंने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी है. कांग्रेस ने दावा किया है कि गहलोत सरकार के पास बीटीपी के दो विधायकों समेत 109 विधायकों का समर्थन है.
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