प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से देश से जातिवाद और परिवारवाद खत्म करने की बात कही. प्रधानमंत्री मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड लाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि देश कम्यूनल सिविल कोड में जी रहा है, उसे सेक्युलर सिविल कोड दिया जाए. इस पर सीनियर एडवोकेट और राज्य सभा सांसद कपिल सिब्बल ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि सिविल कोड लाने के लिए पहले खुद सिविल होने की जरूरत है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक सांसद ने संसद में ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया, जिसे मैं रिपीट भी नहीं कर सकता और पीएम मोदी यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात कर रहे हैं. उसके लिए पहले हमें खुद सिविल होने की जरूरत है.


न्यूज एजेंसी पीटीआई की साथ इंटरव्यू में कपिल सिब्बल ने परिवारवाद पर पीएम मोदी के भाषण पर भी बात की और कहा कि पिछले 10 सालों में जिस तरह से परिवारवाद और भ्रष्टाचार हो रहा है, वो चरम पर पहुंच चुका है इसलिए नेपोटिज्म और भ्रष्टाचार की बात उन्हें नहीं करनी चाहिए. कपिल सिब्बल ने कहा, पीएम मोदी 10 सालों से भ्रष्टाचार खत्म करने की बात कर रहे हैं, लेकिन वह अपने दिल पर हाथ रखकर बोलें कि क्या देश में भ्रष्टाचार खत्म हुआ है. 


उन्होंने कहा, 'जहां तक यूसीसी का सवाल है, उसमें दिक्कत क्या है? आप बात कीजिए हम उसका स्वागत करते हैं. हम सबको इसका स्वागत करना चाहिए और बात करनी चाहिए, लेकिन सच्चाई ये है कि आप विभाजन का एजेंडा तैयार कर रहे हैं. कपिल सिब्बल ने कहा पीएम मोदी अपनी चुनावी सभाओं में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं, जैसा कि 2024 के चुनाव में भी देखा गया कि वह एक निश्चित समुदाय पर बात करते हैं.


कपिल सिब्बल ने आगे बाढ़ जिहाद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने लव जिहाद के बाद फ्लड जिहाद का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया और एक ऐसी यूनिवर्सिटी को निशाने पर ले रहे हैं, जो देश के टॉप 200 कॉलेज में शामिल है. उन्होंने आगे कहा, 'कांवड़ में ढाबों पर नेमप्लेट लगाए जाने के मुद्दे पर भी उन्होंने बात की और कहा, आपके कांवड़िया उत्तर प्रदेश सरकार निर्देश दे रहे हैं कि ढाबा के मालिकों के नाम के नेमप्लेट लगाई जाए. तब पीएम मोदी कुछ नहीं बोलते हैं. अखलाक को कोई मार देता है और प्रधानमंत्री कुछ नहीं कहते हैं.'


असम में बाढ़ से हो रहे नुकसान के बीच हिमंत बिस्व सरमा ने बाढ़ के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय को जिम्मेदार ठहराया था और फ्लड जिहाद का इल्जाम लगाया. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग की वजह से पानी रुक रहा है और बाढ़ का कारण बन रहा है.