कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हमले का राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने जवाब दिया है. उन्होंने कुछ राज्यों में रेप और मर्डर की घटनाओं का डेटा पेश करते हुए तंज भरे लहजे में उपराष्ट्रपति धनखड़ से पूछा है कि सबसे ज्यादा आपराधिक घटनाओं वाले राज्यों में पश्चिम बंगाल का नाम क्यों नहीं है. इससे पहले जगदीप धनखड़ ने कपिल सिब्बल को निशाने पर लेते हुए कहा था कि कुछ आवाजें जख्म पर नमक छिड़कने का काम कर रही हैं. उनके इस बयान पर ही कपिल सिब्बल की तरफ से यह प्रतिक्रिया आई है.


कपिल सिब्बल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, असम, महाराष्ट्र और कर्नाटक में साल 2017 से 2022 के बीच सबसे ज्यादा रेप और मर्डर की घटनाएं दर्ज की गईं, लेकिन इसमें पश्चिम बंगाल का नाम नहीं है. उन्होंने लिखा, 'रेप (2017 से 2022), कुल रेप और गैंगरेप के बाद हत्या के 1551 मामलों में से उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा (280) केस, फिर मध्य प्रदेश (207), असम (205), महाराष्ट्र (155) और कर्नाटक (79). धनखड़ जी, ये देखा? इसमें पश्चिम बंगाल क्यों गायब है? कोई अव्यवस्था नहीं?'


इससे पहले जगदीप झनखड़ ने कपिल सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा था कि जब कोलकाता रेप केस जैसी घटना ने मानवता को शर्मसार किया है तो कुछ आवाजें चिंता पैदा कर रही हैं. वो क्या कहते हैं कि ये एक सिंपटोमेटिक मलाइस है, एक सामान्य घटना है. जगदीप धनखड़ ने कहा कि ये आवाजें सिर्फ हमारे दर्द को बढ़ा रही हैं. कहा जाए तो ये जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही हैं. उपराष्ट्रपति ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि जब ये आवाजें सीनियर एडवोकेट और संसद के सदस्य पद पर बैठे व्यक्ति से आती हैं तो यह बेहद निंदनीय है.


जगदीप धनखड़ ने आगे कहा, 'ऐसी शैतानी सोच का कोई बहाना नहीं हो सकता. मैं ऐसे गुमराह लोगों से अपील करूंगा कि वह दोबारा सोचें कि उन्होंने क्या कहा और सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें.' कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं और उन्होंने पिछले दिनों एक प्रस्ताव पास किया था, जिसमें उन्होंने कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर की भयावह घटना को बीमारी जैसी अवस्था (सिंपटोमेटिक मलाइस) बताते हुए कहा था कि यह आम घटना है.


कपिल सिब्बल के इस प्रस्ताव का बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष आदीश अग्रवाल ने विरोध किया और कहा कि यह प्रस्ताव अमान्य है क्योंकि इसको एसोसिएशन की एग्जीक्यूटिव कमेटी का अप्रूवल प्राप्त नहीं है. उन्होंने कहा था कि इसको एकतरफा रूप से जारी किया गया और यह प्रस्ताव बार एसोसिएशन का सामूहिक निर्णय न होकर कपिल सिब्बल का व्यक्तिगत विचार लगता है. कपिल सिब्बल के इस प्रस्ताव को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी भड़क गए थे.


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