नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना के अतिक्रमण के मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने नए सिरे से गंभीर सवाल उठाते हुए दावा किया है कि चीन की सेना भारतीय सीमा के इस कदर अंदर घुस आई है कि वह लद्दाखी शहर बत्र्से से महज 7 किलोमीटर दूर है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछा है कि वह चीन के अतिक्रमण की निंदा क्यों नहीं करते? सिब्बल ने आरएसएस से भी पूछा कि आरएसएस चुप क्यों है?


कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया, "चीन ने एलएसी पार करके भारतीय सीमा में 18 किलोमीटर अंदर तक घुसपैठ कर डेपसांग में वाई-जंक्शन तक भारतीय सरजमीं पर कब्जा किया है. अब चीन पेट्रोलिंग पॉइंट (पीपी) 10, पीपी 11, पीपी 11ए, पीपी 12, पीपी 13 पर भारतीय सेना की पैट्रोलिंग में बाधा/रुकावट पैदा कर रहा है. चीन की सेनाएं दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) रोड पर बत्र्से के लद्दाखी शहर से केवल 7 किलोमीटर दूर हैं."


कपिल सिब्बल ने नक्शा दिखाते हुए कहा कि वाई जंक्शन सामरिक रूप से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भारतीय हवाई पट्टी यानी दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी से केवल 25 किलोमीटर दूर है और अब यह चीनी तोपखानों की सीमा में आ गई है. डीबीओ हवाई पट्टी सियाचिन में सैन्य आपूर्ति और काराकोरम पास में सैनिकों की आवाजाही की जीवनरेखा है.


सिब्बल ने कहा कि यह वही इलाका है, जहां चीनियों ने 2013 में भी कब्जा किया था.तब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने तीन सप्ताह तक चले ‘फेस-ऑफ’ के बाद पूर्व की यथास्थिति बहाल की और चीनियों को वाई-जंक्शन से पीछे हटना पड़ा.


सिब्बल ने कहा कि यह चिंताजनक बात है कि चीन ने गलवान घाटी में पीपी-14 के पास टैंट व ढांचे बना लिए हैं, जहां बीते 15-16 जून को 16 बिहार रेजिमेंट के कर्नल बी. संतोष बाबू के नेतृत्व में हमारे 20 जवान शहीद हुए. यही नहीं सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि 6 जून, 2020 से पहले व बाद में पैंगोंग त्सो झील में फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच भारतीय इलाके में चीनियों द्वारा नए सैन्य ढांचे खड़े किए गए हैं, बंकर बनाए गए हैं और किलाबंदी की गई है.


चीन में भारत के राजदूत के न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए बयान के हवाले से सिब्बल ने कहा कि आज भी चीन आगे बैठा है और अतिक्रमण जारी है.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि दुख की बात यह है कि प्रधानमंत्री ने चीनी घुसपैठ को मानने से ही इंकार कर दिया. सिब्बल ने कहा, "प्रधानमंत्री खुल कर सार्वजनिक रूप से भारतीय जमीन पर चीन के अतिक्रमण की निंदा क्यों नहीं करते? प्रधानमंत्री चीन की निंदा करें, हम उनका समर्थन करेंगे. प्रधानमंत्री देश को संबोधित कर कहें कि हमारी जमीन और जिसने कब्जा किया है उसे हम बाहर निकाल कर रहेंगे."


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