कपिल सिब्बल ने EC के नए प्रस्ताव पर किया कटाक्ष, कहा- निर्वाचन आयोग को भी आदर्श आचार संहिता की जरूरत
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बुधवार को चुनाव आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता में बदलाव के प्रस्ताव पर कटाक्ष किया. उन्होंने ये कह दिया कि हो सकता है ईसी को ही मॉडल कोड की आवश्यकता हो.
Kapil Sibal On EC: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने चुनावी वादों की वित्तीय व्यवहार्यता के बारे में मतदाताओं को प्रामाणिक जानकारी देने को लेकर आदर्श आचार संहिता में बदलाव के संबंध में राजनीतिक दलों से राय मांगने के लिए निर्वाचन आयोग (Election Commission) पर निशाना साधा है. उन्होंने बुधवार को कहा कि हो सकता है चुनाव निगरानीकर्ता को खुद एक आचार संहिता की जरूरत हो.
दरअसल, सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों को लिखे गए एक पत्र में निर्वाचन आयोग (ईसी) ने कहा कि वह चुनावी वादों पर अपर्याप्त सूचना और वित्तीय स्थिति पर अवांछित प्रभाव की अनदेखी नहीं कर सकता है, क्योंकि खोखले चुनावी वादों के दूरगामी प्रभाव होंगे. आयोग ने इन दलों से 19 अक्टूबर तक प्रस्ताव पर अपने विचार देने को कहा है.
'यह धोखा देने के बराबर है'
इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए सिब्बल ने कहा, "निर्वाचन आयोग, उच्चतम न्यायालय में मुफ्त सौगात पर होने वाली बहस से अलग रहने का हलफनामा दाखिल करने के बाद पलट जाता है. यह धोखा देने के बराबर होगा. अब इसे आदर्श आचार संहिता में शामिल करना चाहते हैं."उन्होंने ट्विटर पर कहा, "हो सकता है निर्वाचन आयोग को ही आदर्श आचार संहिता की जरूरत हो."
चुनाव आयोग ने पत्र में और क्या कहा?
चुनाव आयोग ने अपने पत्र में कहा था, "चुनावी घोषणा पत्रों में स्पष्ट रूप से यह संकेत मिलना चाहिए कि वादों की पारदर्शिता, समानता और विश्वसनीयता के हित में यह पता लगना चाहिए कि किस तरह और किस माध्यम से वित्तीय आवश्यकता पूरी की जाएगी."
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