कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि लोग पार्टी को छोड़कर जा रहे हैं. ये सोचने की जरूरत है कि पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में इस वक्त कोई अध्यक्ष नहीं है. नहीं पता कौन फैसले करता है? हम जानते भी हैं और नहीं भी जानते हैं. हम ऐसी परिस्थिति में क्यों हैं, इसके लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई जाए ताकि अंदर खुल कर बात हो जो सार्वजनिक रूप से नहीं हो सकती. अगर पार्टी में अध्यक्ष हो और चुनी गई सीडब्ल्यूसी हो तो ऐसी नौबत नहीं आती. देश हो या पार्टी, सत्ता का एकाधिकार नहीं होना चाहिए.
कपिल सिब्बल ने कहा, “मैं अपने जैसे कई और कांग्रेसी नेताओं के लिए बोल रहा हूं जिन्होंने पिछले साल अध्यक्ष पद और सीडब्ल्यूसी के चुनाव को लेकर चिट्ठी लिखी थी. कांग्रेस की आज की स्थिति ने मेरा दिल तोड़ दिया.” उन्होंने कहा कि देश इस वक़्त कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है. चीन हमारी सीमा में आ रहा है, अफगानिस्तान को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल है, गरीबी और बेरोज़गारी बढ़ रही है. हमें लड़ने की जरूरत है हमारे नेता हमें छोड़ कर जा रहे हैं.
पूर्व कानून मंत्री ने कहा कि जितिन प्रसाद को मंत्रालय मिल गया. हमारे गोवा के पूर्व सीएम टीएमसी में चले गए. हरियाणा और यूपी में कुछ लोग दूसरी पार्टी में चले गए. सवाल ये है कि ये लोग क्यों जा रहे हैं? हमें सोचना होगा कि हमारी भी कोई गलती होगी. अभी हमारे पास अध्यक्ष नहीं है. सिब्बल ने कहा कि सुष्मिता देव, फेलेरो, जितिन प्रसाद, सिंधिया, अभिजीत मुखर्जी, ललितेश त्रिपाठी आदि चले गए. ये लोग क्यों छोड़ कर जा रहे हैं?
पंजाब कांग्रेस में आए सियासी बवाल पर उन्होंने कहा कि वे पंजाब पर नहीं बोलना चाहते. लेकिन वो सीमावर्ती राज्य है. वहां अनिश्चितता से आईएसआई को फायदा होगा. पाकिस्तान और आईएसआई उसका सीधा फायदा उठा सकता है. जो बड़े मुद्दे हो उनको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात करनी चाहिए. पार्टी में संवाद होना चाहिए.
सिब्बल के बयान के बाद प्रदर्शन
कपिल सिब्बल का बयान सामने आने के बाद शाम को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया. सिब्बल के घर के बाहर दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया.