Bihar Violence: 'बंगाल, बिहार में हिंसा पर पीएम मोदी चुप क्यों हैं?'- कपिल सिब्बल ने पूछा सवाल
West Bengal Violence: कपिल सिब्बल का बयान रामनवमी उत्सव के दौरान बिहार के सासाराम व बिहारशरीफ, और बंगाल के हावड़ा में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के बाद आया है.
Kapil Sibal On PM Modi: बिहार (Bihar) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने रविवार (2 अप्रैल) को पीएम मोदी पर निशाना साधा. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर सवाल उठाया और कहा कि हिंसा (Violence) के लिए 2024 के आम चुनाव को कारण नहीं बनने दें. कपिल सिब्बल ने साथ ही देश के लोगों से बंगाल और बिहार को जलाने, व नफरत के बीज बोने पर रोक लगाने की अपील की.
उन्होंने कहा कि इससे केवल नेताओं और राजनीतिक विचारधाराओं को लाभ हो सकता है. इस नफरत का शिकार हमेशा आम आदमी होता है. कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि मैं चाहता हूं कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री अमित शाह बोलें और हिंसा की निंदा करें. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस हिंसा के बीच दोनों में से कोई कुछ नहीं बोला, वे चुप क्यों हैं?
"कानून का राज कायम रहने दीजिए"
पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि ये मेरी सबसे अपील है और हो सकता है कि यह किसी एक पार्टी विशेष की बात न हो, जो इस उन्माद के लिए जिम्मेदार है. देश में जो माहौल बनाया जा रहा है, उससे हटकर देश को आगे बढ़ने की जरूरत है. 2024 को इसका कारण न बनने दें. कानून का राज कायम रहने दीजिए. पीटीआई के सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर रविवार को चिंता व्यक्त की और स्थिति का जायजा लेने के लिए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से बात की.
बिहार और बंगाल में हुई थी हिंसा
सिब्बल ने कहा कि चिंता जताना काफी नहीं है. उनका बयान रामनवमी उत्सव के दौरान बिहार के सासाराम और बिहारशरीफ में सांप्रदायिक हिंसा के बाद आया है. सासाराम और बिहारशरीफ में सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने शनिवार तक 45 लोगों को गिरफ्तार किया था. दोनों शहरों में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान वाहनों, घरों और दुकानों को आग लगा दी गई और कई लोग घायल हो गए. पश्चिम बंगाल में हावड़ा के शिबपुर और काजीपाड़ा इलाके में भी रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान झड़प हुई थी.
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी और समाजवादी पार्टी के समर्थन से एक निर्दलीय सदस्य के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए थे. उन्होंने हाल ही में अन्याय से लड़ने के उद्देश्य से एक गैर-चुनावी मंच 'इंसाफ' बनाया है.
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