कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने टूलकिट और वैक्सीनेशन समेत कई मुद्दों को लेकर शुक्रवार को केन्द्र सरकार पर सीधा हमला बोला. उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि टूलकिट का मुद्दा कुछ और नहीं बल्कि जालसाजी दिखाकर सरकार कि विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने का एक प्रयास भर है.
सिब्बल ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम ने शासन करने का नैतिक अधिकार खो दिया है, लेकिन वह अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित मानते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन बंद नहीं कर सकते हैं.
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि कोविड के दौरान मेडिकल जरूरत के वक्त प्रधानमंत्री को लोगों के साथ खड़ा रहना चाहिए. लेकिन वह पश्चिम बंगाल की राजनीति में व्यस्त थे. पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कोविड से निपटने में प्रथामिकताएं गलत और दोषपूर्ण रही.
इससे पहले, कांग्रेस को बीजेपी के व्यवहार्य सियासी विकल्प के तौर पर पेश करने का सुझाव देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि कांग्रेस को संगठन के सभी स्तरों पर व्यापक बदलाव लाना चाहिए जिससे यह नजर आए कि वह जड़ता की स्थिति में नहीं है. सिब्बल पिछले साल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी में व्यापक बदलाव के लिये पत्र लिखने वाले जी-23 नेताओं में शामिल थे.
उन्होंने उम्मीद जताई कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर हाल में टाले गए सांगठनिक चुनाव जल्द ही कराए जाएंगे. ‘पीटीआई’ को दिए एक विशेष साक्षात्कार में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने माना कि फिलहाल बीजेपी का कोई मजबूत सियासी विकल्प नहीं है. लेकिन कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शासन का नैतिक अधिकार खो दिया है और देश के मौजूदा रुख को देखते हुए कांग्रेस एक विकल्प पेश कर सकती है.
उन्होंने कहा कि चुनावों में हार की समीक्षा के लिये समितियां बनाना अच्छा है, लेकिन इन का तब तक कोई असर नहीं होगा जब तक उनके द्वारा सुझाए गए उपायों पर अमल नहीं किया जाता.
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