एक ‘स्टिंग ऑपरेशन’ की वीडियो क्लिप दिखाते हुए सिब्बल ने दावा किया कि 40 फीसदी तक के कमीशन के आधार पर जनवरी 2017 से लेकर 2018 के मध्य तक बड़ी संख्या में नोटों की अदला-बदली की गई है.
गौरतलब है कि प्रचलन से बाहर किए गए नोटों को बैंकों में जमा करने की समयसीमा जनवरी 2017 में पूरी हुई थी. कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील ने कहा कि वह वीडियो क्लिप की सच्चाई का दावा नहीं कर सकते. सिब्बल ने बीते नौ अप्रैल को भी ऐसे ही आरोप लगाए थे. हालांकि, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इन आरोपों को खारिज किया था.
बता दें कि मोदी सरकार ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी. इसके तहत 500 और 1000 रुपए के नोटों को तुरंत प्रभाव से चलन से बाहर कर दिया गया था. इसके बाद लोगों की लंबी लाइनें बैंकों के बाहर नोटों को बदलने में दिखी. इस कदम का लक्ष्य जाली नोटों, आतंकवाद को होने वाले फंडिंग इत्यादि को रोकना था.
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