राजस्थान का करौली ज़िला साल 2023 के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव से पहले बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. रामनवमी के जुलूस और शोभा यात्रा के दौरान बिगड़े सांप्रदायिक सौहार्द के बाद वहां पर अनेक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि अबतक करौली का दर कर चुके हैं. 


एक दिन पहले ही राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने करौली का दौरा किया था. तो वहीं राजस्थान के बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बुधवार को करौली में न्याय यात्रा निकालने का एलान किया.  उनके साथ बीजेपी सांसद और बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या भी थे. ये दोनो नेता बुधवार की सुबह पहले जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल जाकर करौली हिंसा में घायल हुए लोगों से मिले और फिर इनका काफिला करौली के लिए रवाना हुआ.


बीजेपी की यात्रा के मद्देनजर सील किये गये करौली जाने वाले सभी रास्ते


लेकिन करौली की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस और प्रशासनिक अमला मौजूद था. प्रशासन को डर था कि बीजेपी की यात्रा से शहर का माहौल बिगड़ सकता है. इसलिए करौली की तरफ जाने वाली हर सड़क पर भारी पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अमला मौजूद था. पहले खबर यह थी कि तेजस्वी और पूनिया महुवा और हिंडोन के रास्ते करौली आ रहे है. इसलिए करौली से ठीक 45 किलोमीटर पहले पुलिस ने इलाके की किलेबंदी कर दी पूनिया और तेजस्वी के अलावा करौली के सांसद मनोज राजोरिया भी इस नाकेबंदी तक आए मगर पुलिस ने उनको बैरिकेड पारकर करौली जाने की अनुमति नहीं दी. 


सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर एडीजी बीजू जार्ज जोसेफ, डीआईजी राहुल प्रकाश और उनके साथ करौली, धोलपुर और दौसा के पुलिस कप्तान खड़े थे. पुलिस ने घटनास्थल पर सिर्फ पांच लोगों को जाने देने की बात की. पुलिस नाके पर दो घंटे की नारेबाजी के बाद पुलिस ने बीजेपी के तीनों नेताओं को गिरफ्तार कर लिया.


धरने पर बैठे तेजस्वी सूर्या


वहीं मौके पर सैकड़ों की संख्या में मौजूद भाजपाइयों ने दौसा करौली बॉर्डर पर प्रदर्शन किया और वहीं बैठ गए. उधर तेजस्वी सूर्या को करौली में प्रवेश करने से पहले ही रोक लिया गया काफी मशक्कत के बाद भी जब पुलिस उन्हें समझाने में नाकाम हुई तो वह धरने पर बैठे और वहां से बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या को हिरासत में लिया गया.


कल पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का था दौरा


बीते कल करौली में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का दौरा था. वहीं आज न्याय यात्रा के चलते करौली जिले के तमाम बॉर्डर सील कर दिए गए और न्याय यात्रा को करौली जाने के प्रयास करने से रोक दिया गया. इधर बीजेपी नेताओं का कहना है कि दंगा पीड़ितों के हाल जानने के लिए अपना यात्रा करौली पहुंच रही थी जिसे रोक दिया गया. इसके चलते बीजेपी कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है.