Omar Abdullah On LAHDC Election: लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट कांउसिल (LAHDC) कारगिल के चुनाव में चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा की है. इसके बावजूद 4 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में कम से कम 50 प्रतिशत सीटों पर दोनों पार्टियों के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. इस बीच चुनाव के मद्देनजर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला लद्दाख के पहाड़ी जिलों के एक सप्ताह के चुनावी दौरे पर हैं. अब्दुल्ला शनिवार (30 सितंबर) को द्रास पहुंचे, जहां पर पार्टी कैडर ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. 


उमर अब्दुल्ला ने द्रास में अपने आगमन को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "कारगिल पर जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के सिंबल को लहराते हुए देखना बहुत संतोषजनक है. मैं आज अपने सहयोगियों से मिलकर बेहद खुश हूं, लेकिन हकीकत में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पूरे विपक्ष के लिए कारगिल एक आसान राजनीतिक लड़ाई नहीं होने वाली है."


उमर अब्दुल्ला ने रैली को किया संबोधित
उमर अब्दुल्ला ने कारगिल क्षेत्र के द्रास में एक छोटी रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर पार्टियों के अभियान में बाधाएं पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी की लद्दाख क्षेत्र में स्थिति ठीक नहीं है और कारगिल हिल डेवलपमेंट काउंसिल चुनावों में उसे हार का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि लद्दाख के लोगों को बीजेपी ने धोखा दिया है.


'प्रचार करने से रोका गया'
उमर ने कहा, "उन्होंने (बीजेपी) उम्मीदवारों को आने की अनुमति नहीं दी है, उन्होंने सुरक्षा प्रदान नहीं की है और हमें प्रचार करने से रोकने के लिए अन्य बाधाएं पैदा की हैं. अगर उन्होंने हमें यहां आने से रोका होता, तो भी हम फोन पर रैली को संबोधित करते और अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करते."


'कारगिल के लोगों के साथ अन्याय'
कांग्रेस के साथ गठबंधन पर एक सवाल का जवाब देते हुए उमर ने कहा कि गठबंधन कायम है और यह अच्छा संकेत है और पूरे देश में एक संदेश जाएगा कि कारगिल के लोगों के साथ अन्याय हुआ है. उन्होंने कहा, "5 अगस्त 2019 का अन्याय एक कड़वी सच्चाई है और लोग अपने वोट से दिखा देंगे कि उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया है."

4 अक्टूबर को होगा मतदान
चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस 4 अक्टूबर को होने वाले 26 निर्वाचन क्षेत्रों में से 13 पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. इन 13 निर्वाचन क्षेत्रों में से सात निर्वाचन क्षेत्र ऐसे होंगे, जहां बीजेपी ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं.


मैदान में 85 उम्मीदवार
चुनाव लड़ रहे कुल 85 उम्मीदवारों में से अधिकतम 22 कांग्रेस के हैं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस और भाजपा ने 17-17 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. कम से कम 25 निर्दलीय भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि चार उम्मीदवार आम आदमी पार्टी (आप) के हैं. परिषद का पिछला चुनाव 27 अगस्त, 2018 को हुआ था जब चुनाव के लिए 256 मतदान केंद्र बनाए गए थे और मतदान के लिए मतपत्रों और बक्सों का इस्तेमाल किया गया था.


यह भी पढ़ें- केरल ट्रेन आगजनी मामला: कट्टरपंथी वीडियो देख जिहादी बना शाहरुख, एनआईए की चार्जशीट में हुए कई खुलासे