'करगिल विजय दिवस' की रजत जयंती मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के हिस्से के रूप में, भारतीय सेना ने श्योक गांव में 'रन फॉर रिमेंबरेंस' का आयोजन किया. यह दौड़ करगिल युद्ध के दौरान शहीद नायकों द्वारा किए गए बलिदान को याद करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी. 1999 पाकिस्तानी घुसपैठियों के साथ हुए युद्ध में भारतीय सेना के 527 जवान और अफसर शहीद हुए थे, जब कि दो महीने तक चले युद्ध में 1,363 जवान घायल हुए थे.


14000 फीट की ऊंचाई पर आयोजित इस कार्यक्रम में श्योक और आसपास के गांवों में रहने वाली महिलाओं और बच्चों सहित स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जो वास्तव में अदम्य भावना और देशभक्ति को दर्शाता है.


10 और 5 किमी की हुई दौड़


भारतीय सेना के जवानों सहित कुल 477 प्रतिभागियों के साथ 10 किमी और 5 किमी की श्रेणियों के तहत उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में कठिन इलाके और चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में दौड़ आयोजित की गई थी.


करगिल युद्ध के दौरान सैनिकों ने दिया था बलिदान


करगिल युद्ध के दौरान हमारे बहादुर सैनिकों के साहस और सर्वोच्च बलिदान को याद करने के साथ-साथ 'रन फॉर रिमेंबरेंस' ने सभी पहलुओं में भारतीय सेना का समर्थन करने में समुदाय के दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित किया. इस तरह के आयोजनों से भारतीय सेना और स्थानीय जनता के बीच संबंधों को मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी.


शारीरिक फिटनेस पर भी फोकस


इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों की शारीरिक फिटनेस के उच्च स्तर पर प्रकाश डाला गया, जिससे मानव शरीर की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से उबरने की क्षमता का प्रदर्शन हुआ. इस अवसर ने सभी को शारीरिक फिटनेस बनाए रखने और लगातार अपनी सीमाओं से आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित किया.


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