Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय के 24 साल, पीएम मोदी ने किया शूरवीरों को याद, जानें क्या कहा
Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय दिवस के 24 साल पूरे हो चुके हैं. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए सर्वोच्च पराक्रम दिखाने वाले भारतीय सेना के जवानों को याद किया.
Kargil Vijay Diwas: आज 26 जुलाई को पूरा देश कारगिल विजय दिवस मना रहा है. 24 साल पहले 1999 में, आज ही दिन कारगिल की चोटियों पर घुस आए दुश्मन को खदेड़कर विजय का ऐलान किया था. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना के शूरवीरों को याद किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, कारगिल विजय दिवस भारत के उन अद्भुत पराक्रमियों की शौर्यगाथा को सामने लाता है, जो देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणाशक्ति बने रहेंगे. इस विशेष दिवस पर मैं उनका हृदय से नमन और वंदन करता हूं. जय हिंद!
हमारे सैनिकों ने कभी बंदूकें नीचे नहीं की- राजनाथ सिंह
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल विजय दिवस के मौके पर लद्दाख के द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पहुंचे. उन्होंने कारगिल युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी. एक संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा, भारत की रक्षा के लिए 1999 में देश के सैनिकों ने जो वीरता और शौर्य का प्रदर्शन किया वह स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा.
उन्होंने कहा, आज हम खुली हवा में सांस इसलिए ले पा रहे हैं क्योंकि किसी समय में 0 डिग्री से कम तापमान में हमारे सैनिकों ने ऑक्सीजन की कमी के बावजूद अपनी बंदूकें कभी नीचे नहीं की. आज कारगिल में भारत का ध्वज इसलिए लहरा रहा हैं क्योंकि 1999 में भारत के सैनिकों ने अपने शौर्य का परिचय देते हुए दुश्मनों की छाती में तिरंगा लहरा दिया था.
देशवासियों के सम्मान की विजय का दिन- शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर ट्वीट किया और कहा, कारगिल विजय दिवस करोड़ों देशवासियों के सम्मान के विजय का दिन है. यह सभी पराक्रमी योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन है जिन्होंने आसमान से भी ऊंचे हौसले और पर्वत जैसे फौलादी दृढ़ निश्चय से अपनी मातृभूमि के कण-कण की रक्षा की.
शाह ने आगे लिखा, भारत माता के वीर सिपाहियों ने अपने त्याग व बलिदान से इस वसुंधरा की न सिर्फ आन, बान और शान को सर्वोच्च रखा बल्कि अपनी विजित परंपराओं को भी जीवंत रखा. कारगिल की दुर्गम पहाड़ियों पर तिरंगा पुनः गर्व से लहरा कर देश की अखंडता को अक्षुण्ण रखने के आपके समर्पण को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से नमन करता हूं.
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