Farmers Protest: करनाल में मिनी सचिवालय के बाहर तीसरे दिन भी डटे रहे किसान, अनिल विज बोले- उनकी IPC अलग है क्या?
Karnal Farmers Protest: करनाल के एसडीएम रहे आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अनिल विज ने कहा कि किसी को भी जांच के बिना सिर्फ इसलिए सूली पर नहीं चढ़ाया जा सकता कि कोई इसकी मांग कर रहा है.
Karnal Farmers Protest: हरियाणा के करनाल में मिनी सचिवालय के बाहर किसानों का धरना लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा. ये किसान प्रशासन से बातचीत विफल होने के बाद धरना दे रहे हैं. किसान संगठनों का कहना है कि सरकार 28 अगस्त को प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारी आयुष सिन्हा को सस्पेंड करे और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.
सिन्हा को किसानों के 28 अगस्त के प्रदर्शन के दौरान एक टेप में पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया कि अगर प्रदर्शनकारी सुरक्षा तोड़ते हैं तो उनका ‘‘सिर फोड़ देना’’. इसी के बाद से तकरार जारी है.
किसानों की मांग पर आज हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सरकार एक आईएएस अधिकारी की विवादित टिप्पणियों और किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज समेत पूरे करनाल प्रकरण की जांच कराने के लिए तैयार है. साथ ही उन्होंने कहा कि ‘‘किसी को भी जांच के बिना सिर्फ इसलिए सूली पर नहीं चढ़ाया जा सकता कि कोई इसकी मांग कर रहा है.’’
अनिल विज ने आगे कहा, ''क्या देश की भारतीय दंड संहिता और किसानों की आईपीसी अलग है? ऐसा नहीं हो सकता और सजा हमेशा अपराध के अनुसार दी जाती है. अपराध का पता लगाने के लिए जांच की जानी होती है.’’
आयुष सिन्हा का पिछले दिनों तबादला कर दिया गया था. इससे पहले वह करनाल के एसडीएम थे. किसान संघ के नेताओं ने कहा है कि तबादला सजा नहीं है. विज ने अंबाला में पत्रकारों से कहा, ‘‘हम निष्पक्ष जांच के लिए तैयार हैं लेकिन यह केवल करनाल के पूर्व एसडीएम आयुष सिन्हा से संबंधित नहीं होगी बल्कि पूरे करनाल प्रकरण से जुड़ी होगी. इस जांच में अगर किसान या उनके नेता दोषी पाए गए तो उचित कार्रवाई की जाएगी.’’
करनाल में प्रदर्शन कर रहे किसानों के बारे में विज ने कहा कि किसी को भी शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार है. उन्होंने कहा, ''हमारे अधिकारी नियमित तौर पर उनके साथ बातचीत कर रहे हैं. संवाद किसी भी लोकतंत्र का आंतरिक हिस्सा है.’’
वहीं, हरियाणा सरकार ने बृहस्पतिवार आधी रात तक जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का निलंबन बढ़ा दिया है. राज्य के गृह विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक आदेश में कहा गया है, ‘‘करनाल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सुबह सात बजे से रात 12 बजे तक निलंबित रहेंगी.’’
करनाल में पिछले महीने पुलिस के लाठीचार्ज पर जिला अधिकारियों और प्रदर्शनरत किसानों के बीच बुधवार को एक अन्य दौर की वार्ता विफल रही. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे जिला मुख्यालय पर अपना धरना ‘‘अनिश्चितकाल’’ तक जारी रखेंगे.
ताजा आदेश में कहा गया है कि स्थिति की समीक्षा की गयी और इसे अब भी तनावपूर्ण माना गया है. आदेश में प्रदर्शनकारियों के ‘‘अनिश्चितकाल’’ तक धरना करने के आह्वान का जिक्र करते हुए कहा गया है, ‘‘हरियाणा के एडीजीपी (सीआईडी) नौ सितंबर को मेरे संज्ञान में लेकर आए कि स्थिति की समीक्षा की गयी है और हालात अब भी तनावपूर्ण हैं और कभी भी स्थिति बिगड़ सकती है जिससे करनाल जिले में जन सुरक्षा और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है.’’
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव अरोड़ा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि करनाल जिले में वॉयस कॉलिंग के अलावा मोबाइल नेटवर्क पर मुहैया कराए जाने वाली सभी सेवाएं निलंबित रहेगी. इसमें कहा गया है कि मोबाइल फोन पर सोशल मीडिया मंचों जैसे कि व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्वीटर के जरिए गलत सूचनाओं और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन का आदेश दिया गया.
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