Karnal Kisan Mahapanchayat: हरियाणा में किसान नेताओं और करनाल प्रशासन के बीच मंगलवार को बातचीत विफल होने के बाद हजारों किसान 'मिनी सचिवालय' की तरफ बढ़ रहे हैं. पुलिस की तरफ से इन लोगों को रोकने को कोशिश की जा रही है. मंडी की तरफ महामार्च के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी, बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल और योगेन्द्र यादव भी मौजूद हैं. हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने बातचीत शुरू होने के तीन घंटे बाद संवाददाताओं से कहा, "प्रशासन हमारी मांगों से सहमत नहीं है." चढूनी ने कहा कि बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला.


यह पूछे जाने पर कि क्या किसान कुछ किलोमीटर दूर स्थित जिला मुख्यालय का घेराव करने की अपनी योजना की दिशा में आगे बढ़ेंगे, गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, "अब, अगला कदम महापंचायत में तय किया जाएगा."


किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों पर 28 अगस्त को करनाल में हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर उन्होंने मिनी सचिवालय का घेराव करने की धमकी दी है. किसानों के एकत्र होने के मद्देनजर जिला प्रशासन ने उनकी मांगों पर चर्चा करने तथा उन्हें सचिवालय की ओर मार्च से रोकने के लिए उनके 11 नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया था.


राकेश टिकैत बोले- हम हरियाणा की जेल भरने को तैयार


इधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्विट करते हुए कहा कि करनाल में सरकार किसानों की बातें सुन नहीं रही है. उन्होंने आगे कहा कि या तो खट्टर सरकार मांगें माने या हमें गिरफ्तार करे. हम हरियाणा की जेलें भरने को भी तैयार हैं. इधर, किसानों के महामार्च को देखते हुए प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं. करनाल स्थित नई मंडी में अलग-अलग जिलों से किसान जत्थे के साथ पहुंच रहे हैं. किसानों ने इस बात की घोषणा की है कि अनाज मंडी से होते हुए जिला सचिवालय की ओर रुख करेंगे.






नए कृषि कानूनों पर किसानों का विरोध 


इधर, किसानों के महापंचायत को देखते हुए कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंदल और पानीपत में भड़काऊ बयानों और अफवाहों को रोकने के प्रयासों के तहत मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है. इससे पहले, करनाल के एसपी गंगा राम पुनिया ने कहा- जिला प्रशासन और पुलिस ने किसान महापंचायत को देखते हुए जरूरी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं. कानून-व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए 40 कंपनियां तैनात की गई हैं. साथ ही, बिना बाधा को सार्वजनिक गतिविधियां चल रही हैं.


पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान कई महीनों से केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. उनका दावा है कि इस कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली समाप्त हो जाएगी. उपायुक्त निशांत कुमार यादव, पुलिस महानिरीक्षक ममता सिंह और पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया सहित अन्य अधिकारियों ने किसान नेताओं के साथ हुयी बातचीत में भाग लिया.


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