Kisan Mahapanchayat Live: करनाल के 'लघु सचिवालय' गेट तक पहुंचे हजारों किसान, प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार, टिकैत ने कही ये बात
Karnal Kisan Mahapanchayat Live: प्रदर्शनकारी किसानों ने मिनी सचिवालय का घेराव किया. वहां सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं. राकेश टिकैत ने कहा कि अभी बातचीत का समय नहीं है, ये बाद में भी हो सकती है.
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Karnal Kisan Mahapanchayat Live: बड़ी संख्या में किसान महापंचायत करने के लिए मंगलवार को करनाल में एकत्र हुए, वहीं किसान नेताओं तथा अधिकारियों के बीच बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद प्रदर्शनकारियों द्वारा जिला मुख्यालय के संभावित घेराव के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन एहतियाती तैयारियों में जुटा है. किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों पर 28 अगस्त को करनाल में हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर उन्होंने मिनी सचिवालय का घेराव करने की धमकी दी है.
किसानों के एकत्र होने के मद्देनजर जिला प्रशासन ने उनकी मांगों पर चर्चा करने तथा उन्हें सचिवालय की ओर मार्च से रोकने के लिए उनके 11 नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया था. हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने बातचीत शुरू होने के तीन घंटे बाद संवाददाताओं से कहा, "प्रशासन हमारी मांगों से सहमत नहीं है." चढूनी ने कहा कि बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला.
यह पूछे जाने पर कि क्या किसान कुछ किलोमीटर दूर स्थित जिला मुख्यालय का घेराव करने की अपनी योजना की दिशा में आगे बढ़ेंगे, उन्होंने कहा, "अब, अगला कदम महापंचायत में तय किया जाएगा."
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के उस अधिकारी को निलंबित करने की मांग की थी, जिन्होंने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों से प्रदर्शन कर रहे किसानों का ‘‘सिर फोड़ने’’ को कहा था.
महापंचायत के लिए राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल, योगेंद्र यादव और गुरनाम सिंह चढूनी सहित संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के कई वरिष्ठ नेता करनाल पहुंचे. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान कई महीनों से केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. उनका दावा है कि इस कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली समाप्त हो जाएगी. उपायुक्त निशांत कुमार यादव, पुलिस महानिरीक्षक ममता सिंह और पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया सहित अन्य अधिकारियों ने किसान नेताओं के साथ हुयी बातचीत में भाग लिया.
मिनी सचिवालय का घेराव
करनाल में मिनी सचिवालय का घेराव करने को लेकर राकेश टिकैत ने कहा, "हमने गेट पर कब्ज़ा कर लिया है. अब कुछ देर आराम करना चाहते हैं. अभी बातचीत का समय नहीं है, ये बाद में भी हो सकती है."
कांग्रेस ने कहा- सरकार किसान से बात क्यों नहीं करती?
करनाल में लाठीचार्ज के विरोध में किसानों की तरफ से किए जा रहे लघु सचिवालय के घेराव के बीच कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर सरकार किसानों के साथ बात क्यों नहीं करती है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का अपमान कर रही है. कांग्रेस ने कहा कि किसानों को बुलाकर सरकार को बात करनी चाहिए.
किसानों पर पानी की बौछार, मिनी सचिवालय के गेट पर पहुंचे किसान
किसान महामार्च कर लघु सचिवालय के गेट तक पहुंच गए. इस बीच, पुलिस ने किसानों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. किसानों को रोकने की हर कोशिश नाकाम साबित हुई. प्रशासन की तरफ से पुलिस बल की भारी संख्या में तैनाती की गई थी.
पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में मिनी सचिवालय का घेराव
किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों पर 28 अगस्त को करनाल में हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर उन्होंने मिनी सचिवालय का घेराव करने की धमकी दी है. किसान ट्रैक्टरों और मोटरसाइकिलों पर सवार होकर सुबह नयी अनाज मंडी में महापंचायत के लिए पहुंचे. उनके यहां एकत्र होने के बीच स्थानीय प्रशासन ने उनकी मांगों पर चर्चा करने तथा उन्हें सचिवालय की ओर मार्च करने से रोकने के लिए उनके 11 नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया था. वरिष्ठ किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहन ने करीब तीन घंटे बाद कहा, "प्रशासन के साथ हमारी बातचीत नाकाम हो गयी क्योंकि वे हमारी मांगों पर सहमत नहीं थे."
राकेश टिकैत ने कहा- युवाओं के जोश के आगे हिरासत से पुलिस ने लोगों को छोड़ा
प्रशासन से साथ बातचीत विफल रहने के बाद हजारों की संख्या में किसान मिनी सचिवालय पहुंच चुके हैं. भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्विट करते हुए कहा- हम किसान साथियों समेत लघु सचिवालय करनाल में पहुंच चुके हैं. पुलिस ने हिरासत में जरूर लिया था, लेकिन युवाओं के जोश के आगे पुलिस को छोड़ना पड़ा, किसान साथियों के साथ सचिवालय पर उपस्थित हूं लड़ाई जारी रहेगी.
हम किसान साथियों समेत लघु सचिवालय करनाल में पहुंच चुके हैं पुलिस ने हिरासत में जरूर लिया था लेकिन युवाओं के जोश के आगे पुलिस को छोड़ना पड़ा, किसान साथियों के साथ सचिवालय पर उपस्थित हूं लड़ाई जारी रहेगी#लड़ेंगे_जीतेंगे #karnal
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) September 7, 2021
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