करनाल में किसानों का गुस्सा आज भड़क उठा, .पुलिस ने आंसू गैस के दागे गोले, रद्द हो सकता है मुख्यमंत्री का दौरा
किसानों का आंदोलन आज 46वें दिन जारी है. आंदोलनकारी किसान केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लागू नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं
करनाल: हरियाणा के करनाल में आज जबरदस्त बवाल हुआ. 46 दिन से किसान कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों का गुस्सा आज भड़क उठा. आज करनाल के कैमला गांव में किसान पंचायत होने वाली थी, जिसमें सीएम मनोहर लाल खट्टर भी शामिल होने वाले थे. लेकिन सभा से पहले ही यहां भारी तादाद में विरोध करने वाले किसान पहुंच गए और हंगामा कर दिया. ऐसे में अब मुख्यमंत्री का दौरा रद्द हो सकता है.
पुलिस ने उन्हें काबू करने के लिए पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन भीड़ आसानी से हटने वाली नहीं थी. करीब आधे घंटे तक हंगामा चलता रहा. मनोहर लाल खट्टर की महापंचायत को ध्यान में रखते हुए यहां भारी तादाद में पुलिस बल को तैनात किया था, कई रास्तों पर आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई थी.
किसान आंदोलन 46वें दिन जारी तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन आज 46वें दिन जारी है. आंदोलनकारी किसान केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लागू नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. सरकार के साथ कई दौर की वार्ताएं विफल रहने के बाद किसान संगठनों के नेता आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाने में जुटे हैं. किसान नेताओं ने बताया कि आंदोलन के मसले से संबंधित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आगे होने वाली सुनवाई को लेकर भी विचार-विमर्श चल रहा है. देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर 2020 से डेरा डाले किसान नए कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं.
इस सिलसिले में यूनियन के नेताओं की सरकार से आठ दौर की वार्ताएं बेनतीजा रही है और अगले दौर की वार्ता 15 जनवरी को तय हुई है. अगली वार्ता से पहले किसान संगठन आंदोलन तेज करने को लेकर आगे की रणनीति बनाने में जुटे हैं. सिंघु बोर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल पंजाब के किसान नेता सुखपाल सिंह डफर ने आईएएनएस को बताया कि पंजाब के किसान नेताओं की रविवार को बैठक में लिए जाने वाले फैसले पर दोपहर बाद संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में विचार किया जाएगा.
पंजाब के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेकेट्ररी हरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों की जो दो प्रमुख मांगें हैं उन पर पर जब तक सरकार फैसला नहीं लेगी तब उनका आंदोलन जारी रहेगा. लाखोवाल ने कहा, आगे आंदोलन तेज करने की रणनीति समेत तमाम मसलों पर विचार-विमर्श चल रहा है, लेकिन हमारा मुख्य फोकस 26 जनवरी की तैयारी पर है.
ये भी पढ़ें- ममता ने बंगाल में फ्री वैक्सीन देने का किया एलान, बीजेपी ने कहा- केंद्र सरकार के काम का क्रेडिट लेने की कोशिश CM नीतीश के बयान पर गरमाई सूबे की सियासत, मांझी ने दी गठबंधन धर्म सीखने सलाह, तो RJD ने कही ये बात