बेंगलुरु: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव खत्म हो चुका है और 15 मई को इसके नतीजे सामने आएंगे. हालांकि इससे पहले तमाम चैनलों के एग्जिट पोल में बीजेपी के लिए अच्छी खबर है. एबीपी न्यूज़ और सी-वोटर के फाइनल एग्जिट पोल के औसत में बीजेपी को 110, कांग्रेस को 88, जेडीएस को 24 और अन्य को दो सीटें मिलने का अनुमान है. बता दें कि इस बार कर्नाटक में 224 में से 222 सीटों पर ही वोटिंग हुई है. इसलिए बहुमत का आंकड़ा 112 सीटें हो जाता है.
कर्नाटक चुनाव से जुड़ी दस बड़ी बाते:
1. कुल नौ एग्जिट पोल के औसत के मुताबिक कर्नाटक में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है लेकिन फिर भी वो बहुमत से दूर है. सभी एग्जिट पोल को मिलाकर बीजेपी औसतन 97 सीटें जीत सकती है वहीं कांग्रेस को 90 और जेडीएस को 31 सीटें मिल सकती हैं.
2. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सभी एग्जिट पोल को सिरे से खारिज कर दिया है. सिद्धारमैया ने ट्वीट किया, ''एग्जिट पोल अगले दो दिन तक मनोरंजन का जरिया है. सभी पोल का औसत निकालना वैसा ही है जैसे एक आदमी नदी पार कर रहा है और उसने सांख्यिकी के जानकार पर भरोसा कर लिया है जिसने औसत निकाल कर ये कहा कि नदी की गहराई चार फीच है. कृपया औसत नोट कर लीजिए, 6+4+2=4...6फीट पर आप डूब जाएंगे. इसलिए पार्टी कार्यकर्ताओं, समर्थकों औऱ शुभचिंतकों एग्जिट पोल की चिंता ना करें. आराम करें और वीकेंड का मजा लें. हम वापस आ रहे हैं.''
3. कर्नाटक की 222 विधानसभा सीटों पर 2600 से ज्यादा उम्मीदवारों के लिए लगभग पांच करोड़ मतदाताओं ने वोट डाला. दो सीटों पर चुनाव नहीं हुए थे. फर्जी वोटर आईडी कार्ड पकड़े जाने पर राजाराजेश्वरी नगर विधानसभा सीट पर चुनाव रद्द कर दिए गए. वहीं एक अन्य सीट पर बीजेपी उम्मीदवार की मौत के बाद उस सीट पर चुनाव नहीं हुए.
4. बीजेपी से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि उनकी पार्टी कर्नाटक में सरकार बनाएगी और उन्होंने अपने शपद ग्रहण समारोह की तारीख भी निर्धारित कर दी है.
5. हालांकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कहना है कि येदियुरप्पा मानसिक रूप से बीमार हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में आएगी. हालांकि पिछले 33 सालों ने कोई भी पार्टी लगातार दो बार सत्ता में नहीं आ सकी है.
6. सिद्धारमैया ने दो सीटों चामुंडेश्वरी और बदामी पर चुनाव लड़ा है. हालांकि दोनों ही जगह बेहद कड़ा मुकाबला है. बीजेपी ने सिद्धारमैया के खिलाफ बी श्रीरामुलु को खड़ा किया, जो कि कर्नाटक के रेड्डी ब्रदर्स के सहयोगी हैं.
7. ये चुनाव राहुल गांधी के राजनीतिक करियर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. अगर कांग्रेस ये चुनाव हारती है तो आने वाले 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल के लिए किसी भी गठबंधन की अगुवाई करना बेहद मुश्किल होगा.
8. कर्नाटक में बीजेपी की पिछली सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे. तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भी जाना पड़ा था. इसी वजह से 2013 में कांग्रेस को आसान जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस को कर्नाटक में 122 सीटें मिली थी.
9. अगर कांग्रेस एक बार फिर जीतती है तो एक राजनेता के रूप में राहुल गांधी की छवि और दावेदारी मजबूत हो जाएगी. राहुल गांधी ने अपने चुुनावी रैलियों में बेरोजगारी और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का मुद्दा जोर शोर से उठाया था. कर्नाटक के नतीजे इस बात को तय करेंगे की क्या अब भी देश में मोदी लहर बरकरार है कि नहीं.
10. इस पूरे चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 रैलीयां की. हालांकि वे एक भी मठ मंदिर नहीं गए. जबकि राहुल गांधी कुल 58 रैलियां, 5 रोड शो, 17 मठ-मंदिर, 3 दरगाह और 1 चर्च जा चुके हैं. वहीं अमित शाह 33 रैलियां, 21 रोड शो, 14 मठ-मंदिर और 1 गुरुद्वारा जा चुके हैं.
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