Bible Controversy in Bengaluru: कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब विवाद के बाद अब एक नया विवाद पैदा हो गया है. प्रदेश की राजधानी बेंगलुरु के एक स्कूल बाइबिल को लेकर ऐसा फरमान जारी किया है जिसे लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है. स्कूल के छात्रों पर बाइबिल थोपने की बात सामने आई है. स्कूल ने अभिभावकों से कहा है कि वह अपने बच्चों को बाइबिल की किताब लाने से नहीं रोकेंगे और इसे लाना अनिवार्य कर दिया था. स्कूल की ओर से जारी इस फरमान के बाद अब हिन्दूवादी संस्था इसके विरोध में उतर आई है. स्कूल की ओर से जारी इस आदेश को शिक्षा कानूनों के खिलाफ बताया है. एक दक्षिणपंथी समूह द्वारा कथित तौर पर बेंगलुरु के एक स्कूल पर छात्रों पर बाइबिल थोपने का आरोप लगाने के बाद राज्य के एक शिक्षा अधिकारी ने सोमवार को रिपोर्ट लेने के लिए स्कूल का दौरा किया.


कर्नाटक के स्कूल में अब बाइबिल को लेकर बवाल


दक्षिणी राज्य कर्नाटक दिसंबर से ही हिजाब विवाद को लेकर सुर्खियों में है. जब उडुपी में कुछ छात्रों को हिजाब या हेडस्कार्फ़ में क्लास के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई थी. बाद में हिजाब विवाद ने पूरे देश का ध्यान खींचा था और इसे लेकर बहस छिड़ी थी. मौजूदा समय में हिंदू जनजागृति समिति ने आरोप लगाया कि राज्य की राजधानी बेंगलुरु में क्लेरेंस हाई स्कूल प्रशासन की ओर से सभी छात्रों पर बाइबिल पवित्र पुस्तक को थोपा जा रहा था. समाचार एजेंसी एएनआई ने खंड शिक्षा अधिकारी के हवाले से कहा है कि वो स्कूल प्राधिकरण से रिपोर्ट लेने पहुंचे हैं. 






बाइबिल अनिवार्य करने से हिंदू संगठन नाराज


आरोपों के मुताबिक स्कूल ने छात्रों के लिए स्कूल में बाइबिल ले जाना अनिवार्य कर दिया था. दावों के बीच स्कूल के प्रिंसिपल जेरी जॉर्ज मैथ्यू ने बताया कि हम जानते हैं कि कुछ लोग हमारे स्कूल की नीतियों में से एक के बारे में परेशान हैं. हम एक शांतिप्रिय और कानून का पालन करने वाले स्कूल हैं. हमने अपने अधिवक्ताओं से परामर्श किया है. इस मामले में और हम उनकी सलाह का पालन करेंगे. हम देश का कानून नहीं तोड़ेंगे. बता दें कि इससे पहले हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुस्लिम छात्राओं के लिए हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि इस्लाम में हिजाब पहनना जरुरी प्रथा का हिस्सा नहीं है.


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