Karnataka Politics: सिद्धारमैया के मंत्री बोले- 'भैंस कटती है तो गाय क्यों नहीं', बोम्मई ने कहा- किसे खुश करना चाहते हैं?
Karnataka News: कर्नाटक के पशुपालन मंत्री ने गोवध विरोधी कानून पर विचार करने की बात करते हुए कहा कि जब भैंसों का वध किया जा सकता है तो गायों का क्यों नहीं. इस पर बसवराज बोम्मई ने उन्हें घेरा है.
K Venkatesh Remark On Cow: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बसवराज बोम्मई ने राज्य के पशुपालन मंत्री के वेंकटेश उस बयान पर रविवार (4 जून) को तीखी प्रतिक्रिया दी कि जब भैंसों का वध किया जा सकता है तो गायों का क्यों नहीं. बोम्मई ने बयान की निंदा करते हुए कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा कि भारतीय गायों से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं और मां की तरह उनकी पूजा करते हैं.
बोम्मई ने कहा, “पशुपालन मंत्री के. वेंकटेश का बयान स्तब्धकारी है. हम उनके बयान की निंदा करते हैं. हम भारतीयों का गाय से भावनात्मक जुड़ाव है और हम गाय को माता के रूप में पूजते हैं.” इसी के साथ बोम्मई ने पूछा कि वेंकटेश किसे खुश करना चाहते हैं. पूर्व सीएम ने कहा कि मंत्री ने यह बयान अपना विभाग बदलवाने के लिए दिया या फिर कांग्रेस आलाकमान को खुश करने के लिए?
'इस तरह के बयान देने से पहले दो बार सोचना चाहिए'
पूर्व सीएम बोम्मई ने कहा, ''राष्ट्रपिता महात्मा गांधी गोवध पर प्रतिबंध की वकालत करने वाले पहले व्यक्ति थे. गोहत्या पर प्रतिबंध को महात्मा गांधी का समर्थन हासिल था और इसे 1960 के दशक में कई राज्यों में लागू किया गया था.'' बोम्मई के मुताबिक, कर्नाटक के पशुपालन मंत्री के बयान से राज्य में बड़े पैमाने पर गायों की तस्करी होगी और बूचड़खानों की संख्या बढ़ेगी.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार अवैध बूचड़खानों को रोकने के लिए कानून लाई थी. कर्नाटक में कोई नया अधिनियम नहीं लाया गया. हमने मौजूदा कानून को लागू किया था.” बोम्मई ने कहा कि मंत्री को इस तरह के बयान देने से पहले दो बार सोचना चाहिए. उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से अपील की कि वह इस संबंध में अपने मंत्रिमंडल के साथी को उचित सलाह दें.
कर्नाटक के पशुपालन मंत्री ने मीडिया से ये कहा था
वेंकटेश ने गोवध विरोधी कानून पर फिर से विचार करने की मांग करते हुए शनिवार (3 जून) को सवाल किया था कि जब भैंसों का वध किया जा सकता है तो गायों के लिए अपवाद क्यों है. मंत्री ने कहा था कि सरकार इस संबंध में चर्चा करेगी और निर्णय लेगी.
वेंकटेश ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, “हमने अभी तक फैसला नहीं किया है. पिछली बीजेपी सरकार एक विधेयक लेकर आई थी, जिसमें उसने भैंसों और नर भैंसों के वध की अनुमति दी थी, लेकिन कहा था कि गोहत्या नहीं होनी चाहिए. हम इस पर चर्चा करेंगे और फैसला करेंगे.”
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