Karnataka Anti Conversion Law:  कर्नाटक की सिद्धारमैया कैबिनेट ने गुरुवार (15 जून) को धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने का फैसला लिया. इसी बीच बीजेपी ने इसको लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उसे नई मुस्लिम लीग बता दिया. 


बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बी.आर. पाटिल ने सवाल किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, क्या यह 'मोहब्बत की दुकान' है? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का 'हिंदू विरोधी एजेंडा' सामने आ गया है. 


बीजेपी ने क्या कहा?
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कहा कि कर्नाटक में 'धर्मांतरण माफिया ने यह सुनिश्चित किया है कि बीजेपी सरकार के लाए गए धर्मांतरण विरोधी कानून को हिंदू विरोधी कांग्रेस निरस्त कर दे. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नयी मुस्लिम लीग है और यह हिंदुओं को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जाएगी.


सरकार क्या बोली? 
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा, ‘‘कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर चर्चा की. हमने 2022 में तत्कालीन (बीजेपी) सरकार के लाए गए परिवर्तनों को रद्द करने के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी है. इसे तीन जुलाई से शुरू होने वाले सत्र में पेश किया जाएगा.'' 


बता दें कि कांग्रेस के विरोध के बीच ‘कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण कानून (धर्मांतरण रोधी कानून)’ 2022 में लागू हुआ था.  मौजूदा अधिनियम में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की सुरक्षा के साथ ही बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या धोखाधड़ी से धर्मांतरण पर रोक का प्रावधान है.


कैबिनेट में क्या फैसले हुए?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसके अलावा कैबिनेट ने क्लास छह से दस तक की कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों के पाठ्यक्रम में संशोधन को मंजूरीदी. इसके तहत आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और हिंदुत्व विचारक वी. डी. सावरकर सहित अन्य लोगों पर केंद्रित अध्यायों को हटा दिया गया है.  इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने सभी विद्यालयों और कॉलेजों में प्रतिदिन संविधान की प्रस्तावना के पाठ को अनिवार्य बनाने का फैसला किया. 


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