एक्सप्लोरर

कौन बनेगा कर्नाटक का मुख्यमंत्री? पुराने चेहरे को मिलेगी गद्दी या 57 साल का ये युवा संभालेगा सीएम की कुर्सी

कर्नाटक विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. सवाल ये है कि इस बार कर्नाटक में किसी सरकार बनेगी, मुख्यमंत्री कौन बनेगा. क्या कोई नया चेहरा सीएम बनेगा?

किसी भी राज्य का विधानसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण और दिलचस्प होता है. सभी चुनावों की अपनी अनूठी विशेषताएं और चुनौतियां भी होती हैं. वहीं किसी भी चुनाव के नतीजों की भविष्यवाणी करना कभी भी आसान नहीं होता. कर्नाटक विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान 8 मई को समाप्त हो जाएगा. 10 मई को मतदान होंगे, मतगणना 13 मई को होगी. 

कर्नाटक के प्री पोल सर्वे एक तरफ से दूसरी तरफ झूल रहे हैं. ऐसे में कोई भी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि इस बार कर्नाटक में किसी सरकार बनेगी, मुख्यमंत्री कौन बनेगा. आइए जानते हैं मुख्यमंत्री की कुर्सी के उम्मीदवारों के प्लस और माइनस पॉइंट .

सिद्धारमैया: गांधी परिवार का भरोसा

2013 से 2018 तक कर्नाटक के सीएम रह चुके सिद्धारमैया मैसूरु जिले के सिद्धारमनहुंडी से ताल्लुक रखते हैं. अगर कांग्रेस को राज्य में 113 सीटों का साधारण बहुमत मिलता है तो सिद्धारमैया कांग्रेस पार्टी की शीर्ष पसंद हो सकते हैं. 

हालांकि, 2018 में सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान कैंपेन की कमान खुद संभाली थी, तब कांग्रेस पार्टी 122 सीटों से 80 सीटों पर आकर सिमट गई थी. पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. 

इसके बावजूद 'गांधी परिवार' खास तौर से राहुल गांधी का मानना ​​है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में कर्नाटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने और कांग्रेस की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए सिद्धारमैया सबसे बड़ा दांव होंगे. 

हिंदुओं की नाराजगी रमैया पर पड़ेगी भारी ?

सिद्धारमैया एक बार पहले ही मुख्यमंत्री रह चुके हैं, उनकी उम्र 76 साल है. 5 साल के अपने कार्यकाल के दौरान सिद्धारमैया ने अपने कुरुबा समुदाय के अधिकारियों को खास महत्व दिया.

वहीं लिंगायत समुदाय के लोग सिद्धारमैया के प्रति दुर्भावना रखते हैं. ऐसा माना जाता है कि सिद्धारमैया ने राजनीतिक फायदा उठाने के लिए 'वीरशैव' और 'लिंगायत' को बांटने की कोशिश की है. 

मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया ने टीपू सुल्तान का महिमामंडन किया. रमैया ने आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे पीएफआई और एसडीपीआई के कई कार्यकर्ताओं को रिहा करने का फैसला लिया. इस फैसले ने हिंदुओं के बीच नाराजगी बढ़ाई. इस सब को देखते हुए पार्टी आलाकमान  भी उनके खिलाफ जा सकता है.

डीके शिवकुमार : पार्टी के प्रति उनकी वफादारी कितनी काम आएगी? 

डीके शिवकुमार इस चुनाव को मुख्यमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षा के लिए एक बेहतरीन मौके की नजर से देख रहे हैं. नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी के साथ आधा दर्जन मंदिरों में हवन किया. वह कनकपुरा से आठ बार के विधायक हैं. शिवकुमार ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में सिद्धारमैया के खिलाफ एक ठोस आधार बनाया है.

राजनीतिक जानकार ये भी मानते हैं कि दूसरे नेताओं के मुकाबले डीके शिवकुमार का चीजों  को देखने का रवैया बिल्कुल अलग है. उनकी क्षमता बेहिसाब है. वो धारणाओं को तोड़ने में माहिर हैं और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा पर किसी तरह का सवाल ही नहीं उठाया जा सकता." 

डीके शिवकुमार कांग्रेस पार्टी के बहुत वफादार माने जाते हैं. संकट के समय अन्य राज्यों के कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक में सुरक्षित रखने के लिए 'गो-टू-मैन' रहे हैं. डीके शिवकुमार देश के सबसे अमीर राजनेताओं में से एक हैं. इसके अलावा, कांग्रेस नेतृत्व जानता है कि शिवकुमार पर दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने और आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए धन जुटाने के लिए भरोसा किया जा सकता है. 

डीके शिव कुमार ने गुजरात राज्यसभा चुनाव के दौरान देश के दूसरे सबसे शक्तिशाली राजनेता और बीजेपी अध्यक्ष से दो-दो हाथ किए थे. उस समय शिव कुमार ने अमित शाह और नरेंद्र मोदी की जोड़ी से सीधा-सीधा पंगा लिया था. जानकार ये मानते हैं कि शिव कुमार बड़े से बड़ा जोखिम उठाने में माहिर हैं. 

2004 के लोकसभा चुनाव में शिव कुमार ने कनकपुरा लोकसभा सीट से अनुभवहीन तेजस्विनी को खड़ा कराकर देवगौड़ा को मात दी. लेकिन इसके बाद भी जब पार्टी ने जेडीएस और देवगौड़ा परिवार से हाथ मिलाकर कर्नाटक में गठबंधन सरकार बनाने का फैसला किया तो उन्होंने एक अनुशासित कार्यकर्ता की तरह पार्टी के फैसले को स्वीकार कर लिया.

सीबीआई, ईडी और आईटी विभागों की रडार पर शिव कुमार

नकारात्मक पक्ष की बात करें तो वह सीबीआई, ईडी और आईटी विभागों की जांच के दायरे में हैं. शिव कुमार 104 दिन जेल में बिता चुके हैं. फिलहाल वो जमानत पर बाहर हैं. उन पर कई मामले लंबित हैं. 

कांग्रेस अभी डीके शिव कुमार को मुख्यमंत्री बनाने के सभी फायदों और नुकसान के गुणा-गणित पर विचार कर रहा है. कांग्रेस इस बात पर फोकस कर रही है कि अगर वो डीके शिवकुमार को सीएम बनाने का फैसला लेती है तो दूसरी पार्टियां कांग्रेस को शर्मिंदा करने के लिए उनके ऊपर पेंडिंग मामलों की जांच को उछालेगी. 

कांग्रेस पार्टी के कई लोग ये मानते हैं कि डीके शिवकुमार आज नहीं तो कल सीएम जरूर बनेंगे. वहीं पार्टी के कुछ लोगों का मानना है कि शिवकुमार दूसरों को आगे बढ़ता देखना गवारा नहीं करते हैं. उनका अहंकार उन्हें आगे नहीं बढ़ने दे रहा है. डीके शिवकुमार को ख़ुद भी यकीन है कि उनका समय आएगा. क्योंकि उनका मानना और कहना है कि वो अब भी युवा हैं. वो महज 57 साल के हैं.

बसवराज बोम्मई: बीएस येदियुरप्पा के इशारे पर भाजपा में शामिल हुए, मौजूदा मुख्यमंत्री हैं

भाजपा के मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के बारे में जानकारों का ये कहना है कि जरूरी नहीं कि पार्टी उनके दम पर बहुमत हासिल कर ले. पार्टी के अंदर भी बोम्मई हर किसी का पसंदीदा चेहरा नहीं है. बोम्मई अब भी भाजपा के कई नेताओं और आरएसएस के 'बाहरी' आदमी हैं. 

बता दें कि 2006 में बीजेपी में शामिल होने से पहले बोम्मई जनता दल (यूनाइटेड) में थे. बोम्मई बीएस येदियुरप्पा के इशारे पर भाजपा में शामिल हुए थे. पार्टी नेतृत्व ने जुलाई 2021 में येदियुरप्पा को हटाया और बोम्मई को सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना. 

बोम्मई का नकारात्मक पक्ष यह है कि वह मुख्यमंत्री के रूप में अपना खुद का कद विकसित करने में नाकामयाब रहे हैं. बोम्मई पर ये आरोप है कि वो पार्टी के अंदर चरमपंथी तत्वों को कंट्रोल नहीं कर पाए. उनके शासनकाल में राज्य के अंदर हिजाब-हलाल-अज़ान के मुद्दों को उछाला गया जिससे राज्य की शांति व्यवस्था गड़बडाई. 

जानकारों की मानें तो बीजेपी इस बार पार्टी के किसी बड़े नेता को सीएम बना सकती है. लेकिन भाजपा अगर आधे रास्ते को पार कर भी जाती है तो बोम्मई कम से कम मई 2024 के लोकसभा चुनाव तक पद पर बने रह सकते हैं. 

प्रह्लाद जोशी: मोदी कैबिनेट में बड़ा कद, पीएम और शाह के पसंदीदा

प्रह्लाद जोशी हुबली-धारवाड़ क्षेत्र से 4 बार सांसद रह चुके हैं. 2019 में उन्हें मोदी कैबिनेट में मंत्री बनाया गया इसके बाद इनका कद बढ़ा है. कर्नाटक के सांसद अनंत कुमार की मृत्यु के बाद प्रह्लाद जोशी को संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया. जोशी ने पार्टी सांसदों को कुशलता से संभाला. जोशी के कामकाज को देखते हुए मोदी और अमित शाह दोनों ने उनपर भरोसा जताया. 

येदियुरप्पा को दरकिनार किए जाने के बाद चर्चा थी कि जोशी मुख्यमंत्री के रूप में उनकी जगह लेंगे, लेकिन लिंगायत दिग्गज की जगह किसी अन्य लिंगायत को लाने की मांग के परिणामस्वरूप बोम्मई को मौका मिल गया. 

लिंगायतों को ध्यान में रख कर होगा कोई भी फैसला 

जोशी के समर्थक उम्मीद कर रहे हैं कि 13 मई के परिणाम के बाद भाजपा उन्हें पूरी तरह से सत्ता में लाने के लिए तैयार हो जाएगी. लेकिन, दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव में केवल एक साल का समय बचा है. ऐसे में भाजपा को राज्य में सबसे बड़ा समुदाय बनाने वाले लिंगायतों के अलावा किसी और को मुख्यमंत्री पद सौंपने से पहले दो बार सोचना पड़ सकता है. कोई भी फैसला लेने से पहले बीजेपी ये भी ध्यान रखेगी कि जोशी को किसी राज्य में भेजे जाने से ज्यादा महत्वपूर्ण काम केंद्र में कराना है.

एचडी कुमारस्वामी: दो बार संभाल चुके हैं सीएम की गद्दी, इस बार लॉटरी की उम्मीद में 

एचडी कुमारस्वामी पहले से ही दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और एक बार फिर उनकी नजरें एक और कार्यकाल पर टिकी हुई हैं. लेकिन ये तभी मुमकिन होगा जब कांग्रेस और बीजेपी दोनों 113 सीटों के आधे आंकड़े को पार कर पाती है. ये बात भी मायने रखेगी कि जेडी (एस) कितनी सीटें हासिल करेगी और सरकार बनाने के लिए कांग्रेस या भाजपा को उसके समर्थन की कितनी जरूरत होगी.

अगर जेडीएस 30 से 35 से ज्यादा सीटें हासिल करने में कामयाब रहती है और मजबूती से सौदेबाजी करने की स्थिति में होती है तो गौड़ा परिवार मुख्यमंत्री पद की मांग करने की स्थिति में हो सकता है. लेकिन, अगर कांग्रेस या भाजपा जादुई संख्या के करीब पहुंचते हैं, तो जेडी (एस) के विधायकों की खरीद-फरोख्त हो सकती हैं और जेडी (एस)  कमजोर पड़ सकती है, जिससे कुमारस्वामी की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है.

नकारात्मक पक्ष यह है कि कुमारस्वामी को 2019 में कांग्रेस के साथ एक भयानक अनुभव का सामना करना पड़ा. उस वक्त कुमारस्वामी ने गठबंधन की सरकार बनाई थी. उन्होंने अपनी ताकत से चार गुना बड़े विधायकों के साथ मिलकर सरकार चलाने की कोशिश की, केवल 14 महीनों में ही सरकार गिर गई. 

त्रिशंकु विधानसभा से ये बड़े दावेदार 

त्रिशंकु विधानसभा से कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे, जी परमेश्वर और एमबी पाटिल प्रमुख दावेदार हो सकते हैं. अगर बीजेपी इस दौड़ में कांग्रेस से आगे रही तो एसएन संतोष, आर अशोक या सीटी रवि इस दौड़ में शामिल हो सकते हैं. 

और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Rajat Patidar
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.5 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.5 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

संभल हिंसा में 3 की मौत, स्कूल-इंटरनेट बंद, आरोपियों पर लगेगा रासुका | जानें 10 बड़ी बातें
संभल हिंसा में 3 की मौत, स्कूल-इंटरनेट बंद, आरोपियों पर लगेगा रासुका | जानें 10 बड़ी बातें
देवेंद्र फडणवीस बनेंगे महाराष्ट्र के CM? अजित पवार हैं 'ओके', नाम पर RSS की मुहर पक्की!
देवेंद्र फडणवीस बनेंगे महाराष्ट्र के CM? अजित पवार हैं 'ओके', नाम पर RSS की मुहर पक्की!
IPL 2025 Mega Auction: कौड़ियों के दाम में बिके ऑस्ट्रेलिया के ये स्टार खिलाड़ी, कीमत देख नहीं होगा यकीन
कौड़ियों के दाम में बिके ऑस्ट्रेलिया के ये स्टार खिलाड़ी, कीमत देख नहीं होगा यकीन
प्रिंस नरूला ने अपनी नन्ही परी के साथ सेलिब्रेट किया 34वां बर्थडे, तस्वीरें शेयर कर नाम भी किया रिवील
प्रिंस ने अपनी नन्ही परी के साथ सेलिब्रेट किया 34वां बर्थडे, देखिए तस्वीरें
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharashtra Election 2024 : गेम चेंजर मोदी..अब '2025' पर नजर होगी !  BJP | PM ModiChitra Tripathi  : Modi-Shah चौंकाएंगे, CM किसे बनाएंगे ? । Maharashtra Election ResultsSandeep Chaudhary : शिंदे को झटका, फडणवीस बनेंगे CM? वरिष्ठ पत्रकारों का सटीक विश्लेषण | MaharashtraMaharashtra New CM News : मुख्यमंत्री कौन...दावेदार क्यों मौन?  Election result | BJP | Shiv sena

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
संभल हिंसा में 3 की मौत, स्कूल-इंटरनेट बंद, आरोपियों पर लगेगा रासुका | जानें 10 बड़ी बातें
संभल हिंसा में 3 की मौत, स्कूल-इंटरनेट बंद, आरोपियों पर लगेगा रासुका | जानें 10 बड़ी बातें
देवेंद्र फडणवीस बनेंगे महाराष्ट्र के CM? अजित पवार हैं 'ओके', नाम पर RSS की मुहर पक्की!
देवेंद्र फडणवीस बनेंगे महाराष्ट्र के CM? अजित पवार हैं 'ओके', नाम पर RSS की मुहर पक्की!
IPL 2025 Mega Auction: कौड़ियों के दाम में बिके ऑस्ट्रेलिया के ये स्टार खिलाड़ी, कीमत देख नहीं होगा यकीन
कौड़ियों के दाम में बिके ऑस्ट्रेलिया के ये स्टार खिलाड़ी, कीमत देख नहीं होगा यकीन
प्रिंस नरूला ने अपनी नन्ही परी के साथ सेलिब्रेट किया 34वां बर्थडे, तस्वीरें शेयर कर नाम भी किया रिवील
प्रिंस ने अपनी नन्ही परी के साथ सेलिब्रेट किया 34वां बर्थडे, देखिए तस्वीरें
'संभल हिंसा योगी-बीजेपी-RSS की सोची समझी साजिश', कांग्रेस ने PM मोदी को याद दिलाया मोहन भागवत का बयान
'संभल हिंसा योगी-बीजेपी-RSS की साजिश', कांग्रेस ने PM मोदी को याद दिलाया मोहन भागवत का बयान
IBPS PO Mains परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी, ऐसे करें डाउनलोड, जानें किस सब्जेक्ट से आएंगे कितने सवाल
IBPS PO Mains परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी, ऐसे करें डाउनलोड, जानें किस सब्जेक्ट से आएंगे कितने सवाल
समीर रिजवी के साथ यह क्या हो गया...? CSK ने दिए थे करोड़ों, अब सिर्फ लाखों में बिके
समीर रिजवी के साथ यह क्या हो गया...? CSK ने दिए थे करोड़ों, अब सिर्फ लाखों में बिके
क्या मंगल ग्रह पर बिना पानी के भी रह सकते हैं लोग? जानिए क्या कहता है साइंस
क्या मंगल ग्रह पर बिना पानी के भी रह सकते हैं लोग? जानिए क्या कहता है साइंस
Embed widget