Karnataka Election BJP Candidate List: कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने के बाद बीजेपी को कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है. कर्नाटक में सत्तारूढ़ बीजेपी के भीतर हलचल मच गई है. कुछ नेताओं ने खुले तौर पर नाराजगी व्यक्त की है. टिकट न मिलने पर कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी (Laxman Savadi) ने बुधवार (12 अप्रैल) को बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की.


लक्ष्मण सावदी ने कहा कि वह विधानसभा चुनाव में टिकट की उम्मीद कर रहे थे. हालांकि पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. सावदी अथानी विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे हैं. सावदी ने कहा कि मैंने निश्चित तौर पर फैसला किया है. मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है. कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच सावदी ने कहा कि वह गुरुवार शाम को एक 'मजबूत निर्णय' लेंगे और शुक्रवार से इस पर काम करना शुरू कर देंगे. 


मंत्री अंगारा ने राजनीति से संन्यास लिया


इसके अलावा कर्नाटक के मंत्री और दक्षिण कन्नड़ जिले के सुलिया क्षेत्र से छह बार के विधायक एस अंगारा ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की. बीजेपी ने अंगारा का टिकट काट दिया है. सुलिया विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने भागीरथी मुरुल्या को उम्मीदवार घोषित किया है. अंगारा ने कहा कि समर्पण के साथ पार्टी के लिए मेहनत करने वाले किसी विधायक के साथ ऐसा व्यवहार उचित नहीं है. 


"ईमानदारी की कोई कद्र नहीं है"


उन्होंने कहा कि मैं पार्टी की ओर से टिकट नहीं दिए जाने से असंतुष्ट नहीं हूं, लेकिन बिना किसी दाग के पार्टी और समाज के लिए काम करने वाले के सम्मान का यह तरीका नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ईमानदारी की कोई कद्र नहीं है. मंत्री ने कहा कि मेरी ईमानदारी ही मेरी कमी बन गई. मैंने कभी ‘लॉबिंग’ में विश्वास नहीं किया और यह मेरे पीछे रह जाने का कारण बना.


आंसू नहीं रोक पाए विधायक


टिकट न मिलने पर उडुपी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक रघुपति भट ने कहा कि पार्टी ने उनके साथ जो व्यवहार किया है उससे उन्हें बहुत पीड़ा हुई है. उन्होंने कहा कि पार्टी के निर्णय से मैं उदास नहीं हूं, लेकिन जिस तरीके से पार्टी ने मेरे साथ बर्ताव किया है उससे बहुत पीड़ा हुई है. मीडिया के साथ बातचीत में वह अपने आंसू नहीं रोक पाए. उन्होंने कहा कि पार्टी की जिला इकाई के अध्यक्ष तक ने उन्हें पार्टी के फैसले के बारे में सूचित करने के लिए फोन नहीं किया और उन्हें टेलीविजन चैनलों से इसकी जानकारी मिली. 


हिस्ट्रीशीटर सुनील कुमार के समर्थकों ने किया हंगामा


बीजेपी एमएलसी आर शंकर, जो रानीबेन्नूर विधानसभा सीट के उम्मीदवार थे, ने उनको को नजरअंदाज करने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं हिस्ट्रीशीटर सुनील कुमार उर्फ साइलेंट सुनील के समर्थकों ने बेंगलुरु में बीजेपी कार्यालय के बाहर विरोध किया और अंदर घुसने की कोशिश की. वे बेंगलुरु के पूर्व पुलिस आयुक्त भास्कर राव को पार्टी का टिकट मिलने का विरोध कर रहे हैं. कार्यालय पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. 


क्या बोले मुख्यमंत्री बोम्मई?


इस पूरे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि मैं उन सभी से बात कर रहा हूं जो टिकट नहीं मिलने से परेशान हैं. पार्टी उनका सम्मान करती है और उन्हें विधायक बनाया है. लक्ष्मण सावदी का मुझसे और पार्टी से गहरा नाता है, उन्होंने गुस्से में कुछ बातें कहीं हैं. कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि मुझे लगता है कि हमें 135-140 सीटें मिलेंगी और हम सरकार बनाएंगे. कल, (उम्मीदवारों पर) 189 सीटों की घोषणा की जा चुकी है, शेष सीटों की घोषणा आज रात की जाएगी. 


जगदीश शेट्टर ने जेपी नड्डा से की मुलाकात


इसी बीच पार्टी के दिग्गज नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने बुधवार को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. इससे पहले उन्होंने इन खबरों को लेकर खुलकर नाखुशी जाहिर की थी कि उन्हें चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने की संभावना है. नड्डा से मुलाकात के बाद शेट्टर ने कहा कि उन्होंने लगातार छह विधानसभा चुनावों में अपनी जीत और अपने अनुभव का हवाला दिया, जिसके बाद पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि इस मुद्दे पर अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की जाएगी. 


क्या बोले जगदीश शेट्टर?


शेट्टर ने कहा कि मैंने अपना विचार व्यक्त किया कि मैं चुनाव लड़ना चाहता हूं. मैं लगातार छह बार चुनाव जीता हूं. मुझे एक और अवसर दें. सब कुछ समझा दिया गया है. उन्होंने (नड्डा ने) कहा कि वह अन्य नेताओं के साथ चर्चा करके निष्कर्ष निकालेंगे. मैंने कभी नाखुशी नहीं जताई. उनका फैसला सभी मानेंगे. 


ईश्वरप्पा के समर्थक बना रहे दबाव


इसस पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री के एस ईश्वरप्पा ने मंगलवार को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से कहा था कि वह चुनावी राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं और उनसे विधानसभा चुनाव में उन्हें मैदान में नहीं उतारने का अनुरोध किया था. बुधवार को शिवमोग्गा में ईश्वरप्पा के समर्थकों ने पार्टी पर दबाव बनाने के लिए कई दौर की बैठकें कीं ताकि उन्हें संन्यास वापस लेने या उनके बेटे के ई कांतेश को टिकट देने के लिए दबाव बनाया जा सके.


बीजेपी ने अभी तक ईश्वरप्पा और शेट्टार के प्रतिनिधित्व वाली शिवमोग्गा और हुबली-धारवाड़ सेंट्रल के लिए टिकटों की घोषणा नहीं की है. मंत्री अंगारा और आनंद सिंह सहित कम से कम नौ विधायकों को टिकट नहीं दिया गया है. बताया जा रहा है कि आनंद सिंह के बेटे सिद्धार्थ सिंह को टिकट दिया गया है इसलिए उन्होंने खुद को टिकट की रेस से अलग कर लिया.


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