(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कर्नाटक विधानसभा चुनाव: बेल्लारी के रेड्डी ब्रदर्स के आगे बीजेपी क्यों मजबूर है?
बीजेपी ने जी सोमशेखर रेड्डी, सिद्धार्थ सिंह, बी श्रीरामुलू, शिल्पा राघवेंद्र, लोकेश नायका, टीएच सुरेश बाबू और एस थिप्पेस्वामी को टिकट दिया है. सभी बेल्लारी बंधु से जुड़े हुए हैं.
कांग्रेस के बाद बीजेपी ने भी कर्नाटक चुनाव में उम्मीदवारों की एक सूची जारी कर दी है. संसदीय बोर्ड से मुहर लगने के बाद बीजेपी ने 224 में से 189 सीटों पर नामों की घोषणा कर दी है. 35 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम होल्ड पर रखा गया है. इसकी घोषणा 15 अप्रैल से पहले की जा सकती है.
बीजेपी की पहली लिस्ट में एक बार फिर से बेल्लारी बंधुओं का दबदबा रहा. बीजेपी ने बेल्लारी (शहर) से जी सोमशेखर रेड्डी, विजयनगर से सिद्धार्थ सिंह, बेल्लारी (एसटी) से बी श्रीरामुलू, संदूर से शिल्पा राघवेंद्र, कुडूगी से लोकेश नायका, कम्पली से टीएच सुरेश बाबू और मोलकलमुरू से एस थिप्पेस्वामी को टिकट दिया है.
जी सोमशेखर जनार्दन रेड्डी के भाई हैं, जबकि अन्य 5 की गिनती उनके करीबी समर्थकों में होती है. बीजेपी ने गंगावती और हरपनहल्ली सीट पर नाम होल्ड कर दिए हैं. गंगावती से जनार्दन रेड्डी ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, जबकि उनके भाई करुणाकर रेड्डी हरपनहल्ली से विधायक हैं.
बेल्लारी ब्रदर्स में कौन-कौन?
जी करुणाकर रेड्डी- रेड्डी बंधुओं में सबसे बड़े हैं. वर्तमान में बीजेपी से विधायक हैं. मंत्री बनाने की अटकलें थी, लेकिन बोम्मई सरकार में तरजीह नहीं मिली. अभी इनका टिकट भी होल्ड पर रखा गया है.
सोमशेखर रेड्डी- सोमशेखर करुणाकर से छोटे और जनार्दन से बड़े हैं. सोमशेखर वर्तमान में बेल्लारी (शहर) से विधायक. खनन कार्यों के वक्त सोमशेखर के जिम्मे रेड्डी बंधुओं की संपत्तियों का हिसाब-किताब रहता था. सोमशेखर ने जर्नादन के साथ जाने से हाल ही में इनकार कर दिया था. बीजेपी ने सोमशेखर का टिकट फाइनल कर दिया है.
जर्नादन रेड्डी- रेड्डी ब्रदर्श में जर्नादन सबसे छोटे हैं. येदियुरप्पा की पहली सरकार में मंत्री रह चुके हैं. सीबीआई ने इन्हें ही अरेस्ट किया था. 2015 में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी. तीनों बंधुओं में सबसे फेमस है.
जनार्दन की बगावत ने बढ़ाई थी बीजेपी की टेंशन
दिसंबर 2022 में जनार्दन रेड्डी ने ही बीएस बोम्मई के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कल्याण राज नामक नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था. जनार्दन के इस फैसले के बाद कर्नाटक में एंटी इनकंबैंसी झेल रही बीजेपी टेंशन में आ गई.
पाार्टी ने जनार्दन को मनाने के लिए उनके करीबी और सरकार में परिवहन मंत्री बी श्रीरामूलु और भाई सोमशेखर को जिम्मेदारी सौंपी, लेकिन सफल नहीं हुए. रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके बाद बीजेपी की राज्य इकाई ने जनार्दन को अलग-थलग करने की रणनीति पर काम शुरू की.
इधर, जनार्दन ने पहले भाइयों से संपर्क साधा, लेकिन बात नहीं बनी तो पत्नी को भी मैदान में उतारने की घोषणा कर दी है. जनार्दन के दबाव से बीजेपी ने टिकट वितरण में बेल्लारी बंधुओं की जमकर खातिरदारी की है.
बीजेपी की टिकट घोषणा के बाद जनार्दन का कोई रिएक्शन नहीं आया है. उनके करीबी बी श्रीरामुलू ने कहा है कि सबकुछ ठीक है और बेल्लारी बंधु और उनके समर्थक पार्टी के साथ हैं.
टिकट वितरण में बेल्लारी बंधुओं को तरजीह क्यों?
खनन उद्योग से राजनीति में आए रेड्डी ब्रदर्स का दबदबा बेल्लारी, कोप्पल, रायचूड़ और विजयनगर जिले की कुल 23 सीटों पर हैं. कर्नाटक विधानसभा की कुल सीटों 224 का ये 10% है. इसके अलावा राज्य की आदिवासी बहुल सीटों पर भी रेड्डी ब्रदर्स की मजबूत पकड़ है.
कर्नाटक विधानसभा की 15 सीटें आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित हैं. बोम्मई की वर्तमान सरकार में जनार्दन के 2 करीबी अनंत सिंह और बी श्रीरामुलू को मंत्री बनाया गया. श्रीरामुलू को परिवहन जैसे भारी-भरकम विभाग दिया गया है.
2013 के चुनाव में बीजेपी ने बेल्लारी ब्रदर्स को साइड लाइन कर दिया, जिसके बाद उनके प्रभाव की 23 में से सिर्फ 3 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. 2018 में यह आंकड़ा 10 को पार कर गया था.
2013 के चुनाव में रेड्डी ब्रदर्स के करीबी बी श्रीरामुलू ने बीआरएस कांग्रेस नामक पार्टी बनाकर 176 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें से 4 सीटों पर उसे जीत मिली थी. बाद में रेड्डी ब्रदर्स से समझौता के बाद इस पार्टी का विलय बीजेपी में कर दिया गया था.
बंधुओं के बगावत को रोका अब जनार्दन की होगी घेराबंदी
बीजेपी ने टिकट वितरण में रेड्डी बंधुओं को खास तरजीह दी है, लेकिन अब भी यह सवाल कर्नाटक के सियासी गलियारों में उठ रहा है कि अगर जनार्दन रेड्डी नहीं मानें तो बीजेपी क्या करेगी? बीजेपी इसके लिए 2 रणनीति पर काम कर रही है.
1. रेड्डी ब्रदर्स में सबसे लोकप्रिय जनार्दन ही हैं. ऐसे में जनार्दन की सीट गंगावती पर बीजेपी उम्मीदवार उतारने से परहेज कर सकती है, जिससे उनके समर्थकों में यह संदेश जाएगा कि बीजेपी ने जनार्दन का ख्याल रखा.
2. जनार्दन के करीबी रहे नेताओं को जमकर टिकट दिया गया है. बीजेपी बेल्लारी में यह प्रचार करेगी कि जनार्दन का पूरा कुनबा हमारे साथ है. सिर्फ जनार्दन ने बगावत कर दी है. बाद में उन्हें भी मनाया जाएगा.
समाचार एजेंसी आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से फरवरी 2023 में एक जनार्दन रेड्डी को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि बेल्लारी, कोप्पल, रायचूड़ और विजयनगर के बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ शाह ने एक मीटिंग की थी.
इस मीटिंग में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शाह से कहा था कि जनार्दन की वजह से चार जिलों में भारी नुकसान हो सकता है. शाह ने कार्यकर्ताओं से कहा था कि जनार्दन फैक्टर की चिंता न करें. पार्टी समय आने पर फैसला करेगी. आप सभी जनता के बीच जाएं.
माना जा रहा है कि बीजेपी ने जनार्दन फैक्टर को कुंद करने के लिए ही रेड्डी बंधुओं के करीबियों को जमकर टिकट दिया है. हालांकि, यह प्रयोग कितना सफल होगा, ये तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा.
अब बीजेपी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट के बारे में....
1. टिकट वितरण के बाद घमासान शुरू, डैमेज कंट्रोल में जुटी पार्टी
टिकट वितरण के बाद बीजेपी में भगदड़ मच गई है, जिसके बाद हाईकमान डैमेज कंट्रोल में जुटी है. टिकट की घोषणा के बाद पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है. सावदी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.
इसके अलावा पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार भी पार्टी हाईकमान से नाराज बताए जा रहे हैं. शेट्टार को मनाने की जिम्मेदारी जेपी नड्डा ने खुद संभाली है. शेट्टार ने टिकट नहीं मिलने पर अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.
होसदुर्ग से विधायक जी शेखर ने भी बीजेपी छोड़ने का ऐलान कर दिया है. शेखर ने कहा है कि वे जी जनार्दन रेड्डी की पार्टी में शामिल होंगे और होसदुर्ग से चुनाव लड़ेंगे. बेलगाम उत्तर से विधायक अनिल बेनाके का भी टिकट पार्टी ने काट दिया है.
इसके बाद उनके समर्थकों ने बेलगाम में बीजेपी हाईकमान के खिलाफ प्रदर्शन किया. बेनाके मराठा समुदाय के बड़े नेता हैं. माना जा रहा है कि वे भी बीजेपी छोड़ दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं.
2. लिस्ट में 8 महिला, जमकर चला परिवारवाद
बीजेपी की पहली लिस्ट में 189 उम्मीदवारों में से सिर्फ 8 महिलाओं को टिकट दिया गया है. इसको लेकर भी पार्टी की किरकिरी हो रही है. सबका साथ-सबका विकास की बात करने वाली बीजेपी ने पहली लिस्ट में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है.
कर्नाटक में करीब 12 फीसदी मुसलमान हैं, जिनका राज्य की 30 सीटों पर दबदबा है. पहली लिस्ट में परिवारवाद भी जमकर चला है. बीजेपी ने शिकारपुरा से पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे को टिकट दिया है.
इसी तरह विजयनगर से मंत्री अनंत सिंह के बेटे सिद्धार्थ को उम्मीदवार बनाया गया है. हुक्केरी से दिवंगत उमेश कुट्टी के बेटे निखिल को टिकट दिया गया है. अलभावी से रमेश जरकिहोली के चचेरे भाई बालचंद को भी बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है.
3. सिद्धरमैया और शिवकुमार के खिलाफ लड़ने वालों को मिला 2-2 सीट
बीजेपी ने कर्नाटक कांग्रेस के 2 नेता सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के खिलाफ लड़ने वालों को 2-2 सीटें दी हैं. आर अशोक डीके शिवकुमार के खिलाफ कनकपुरा से उम्मीदवार बनाए गए हैं. अशोक को पद्मनाभनगर से भी टिकट दिया गया है.
इसी तरह वी सोमन्ना पूर्व सीएम सिद्धरमैया के खिलाफ वरुणा सीट से चुनाव लड़ेंगे. सोमन्ना को चमराजनगर से भी उम्मीदवार बनाया गया है. बीजेपी के इस फैसले के बाद कांग्रेस भी रणनीति बदल रही है. पार्टी पद्मनाभनगर से उम्मीदवार बदल सकती है.
बीजेपी ने एचडी कुमारस्वामी के खिलाफ चनपाटन से सीपी योगेश्वर को उम्मीदवार बनाया है. एचडी रेवन्ना के होलेनराशीपुर सीट से देवराज गौड़ा को टिकट दिया गया है.
4. 11 विधायकों के टिकट कटे, 52 नए चेहरे
2018 में 104 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने पहली लिस्ट में 11 विधायकों के टिकट काट दिए हैं. इनमें एक के ईश्वरप्पा, बीएस येदियुरप्पा जैसे नाम शामिल हैं. ईश्वरप्पा ने चुनाव नहीं लड़ने की बात कही थी, जबकि येदियुरप्पा की सीट पर उनके बेटे को टिकट दिया गया है.
बीजेपी की पहली लिस्ट में 52 नए चेहरे को शामिल किया गया है. 189 लोगों की लिस्ट में 32 ओबीसी के, 30 अनुसूचित जाति के और 16 अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार हैं. बीजेपी ने टिकट वितरण में प्रोफेशन का भी ध्यान रखा है.
सूची में 9 डॉक्टर, 31 पोस्ट ग्रेजुएट, 5 वकील, 3 एकेडमिशियन, एक पूर्व आईएएस अधिकारी, एक पूर्व आईपीएस अधिकारी और 3 सेवानिवृत अधिकारी को टिकट दिया गया है.
58 हजार बूथों पर एक फेज में होगा चुनाव
निर्वाचन आयोग के मुताबिक कर्नाटक में 58 हजार बूथों पर 224 सीटों के लिए एक फेज में मतदान होगा. आयोग ने पिछले महीने इसका शेड्यूल जारी किया था. चुनाव की घोषणा के बाद कांग्रेस ने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी थी.
चुनाव आयोग के मुताबिक कर्नाटक में 13 अप्रैल से लेकर 20 अप्रैल तक नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं. 24 अप्रैल तक नाम वापसी की सुविधा है. 10 मई को मतदान कराए जाएंगे और वोटों की गिनती 13 मई को होगी.