Karnataka Assembly Election 2023: पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्युलर के अध्यक्ष एच. डी. देवेगौड़ा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को उनकी 'भारत जोड़ो यात्रा' के लिए मंगलवार को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने लोगों के बीच सद्भाव का संदेश फैलाकर नफरत और हिंसा से लड़ने के लिए राहुल गांधी की तारीफ भी की. जनता दल (सेक्युलर) के प्रमुख ने 30 जनवरी को श्रीनगर में यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने में असमर्थता भी जताई.


दरअसल, कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को न्यौता भेजा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने श्रीनगर में समापन समारोह में शामिल होने के लिए कई समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है.


निमंत्रण के लिए शुक्रिया- देवेगौड़ा 


देश के पूर्व पीएम 89 वर्षीय देवेगौड़ा ने खरगे को लिखे पत्र में निमंत्रण के लिए उनका शुक्रिया अदा किया और कहा, "राष्ट्रपिता (महात्मा गांधी) की पुण्यतिथि के दिन इस समारोह को आयोजित किया जाना एकदम उचित है." उन्होंने कहा, "मैं निजी तौर पर समारोह में शिरकत नहीं कर पाऊंगा, लेकिन मेरी शुभकामनाएं राहुल गांधी के साथ हैं. वह नफरत और हिंसा के खिलाफ लड़ रहे हैं और लोगों के बीच सद्भाव का संदेश फैलाने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3,500 किलोमीटर की यात्रा की है."


'राहुल गांधी की सराहना करता हूं'


पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, "कृपया उन्हें (राहुल गांधी को) यह बताएं कि मैं उनकी बहुत सराहना करता हूं." बता दें कि कर्नाटक में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस और जेडीएस चुनाव में साथ आ सकते हैं. अगर ऐसा होता है कि यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि 2017 के चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर गठबंधन की एसडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में सरकार चलाई थी.


हालांकि कांग्रेस-जेडीएस की सरकार महज 1 साल 92 दिन ही चल पाई. इसके साथ ही जनता दल सेक्युलर का कर्नाटक में खासा प्रभाव है. पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को 224 विधानसभा सीटों में से 37 सीट मिली था, जबकि 18.3 फीसदी वोट मिले थे. राहुल गांधी ने भी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कर्नाटक में काफी समय दिया और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और प्रभावशाली नेता डीके शिवकुमार के बीच चल रहे विवाद को शांत करवाते हुए दोनों को एक साथ ला दिया.    


हालांकि अब तक दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है.


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