Karnataka Assembly Election Results 2023: कांग्रेस के लोकल कैंपेन ने नेशनल मुद्दों पर चलाया बुलडोजर, जानें किन फैक्टर्स की वजह से हारी BJP
Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक में पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 से अधिक रैलियां कीं और गृह मंत्री अमित शाह ने 30 से अधिक रैलियां कीं. इसके बावजूद कर्नाटक में बीजेपी को जीत हासिल नहीं हुई.
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Karnataka Assembly Election Results 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को 66 सीट मिली. कर्नाटक दक्षिण भारत का एकमात्र राज्य था जहां बीजेपी की सरकार थी, लेकिन वहां भी पार्टी को करारी हार मिली. राज्य इकाई के नेताओं ने कहा कि स्थानीय मुद्दों की कमी, पार्टी में स्थानीय मजबूत चेहरों की कमी की वजह से पार्टी प्रदेश में हार गई.
वहीं कांग्रेस ने राज्य में कई लोकल कैंपेन चलाए. साथ ही बीजेपी का प्रचार केवल राष्ट्रीय नेताओं से की गई रैलियों पर ही केंद्रित था. कर्नाटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 से अधिक रैलियां कीं और गृह मंत्री अमित शाह ने 30 से अधिक रैलियां कीं. इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राज्य में जमकर प्रचार किया.
जानें क्यों हारी बीजेपी?
पीएम मोदी ने मतदाताओं से द केरल स्टोरी फिल्म देखने का आग्रह किया और बजरंग दल के खिलाफ कांग्रेस के प्रस्ताव को बजरंग बली (भगवान हनुमान) के अपमान के रूप में पेश करने की मांग की, लेकिन ये सब भी मतदाताओं को समझाने के लिए काफी नहीं था. बीजेपी के एक सांसद ने बताया कि पार्टी का संदेश केवल राष्ट्रीय केंद्रित था, कर्नाटक के मतदाता के साथ नहीं था.
पार्टी खुद की लीडरशिप के साथ ही नहीं थी खुश
नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस ने अमूल बनाम नंदिनी का मुद्दा उठाया, लेकिन चुनाव प्रचार के आखिरी हफ्ते में किसी ने इस पर बात नहीं की. इसी तरह बीजेपी से बजरंग दल प्रतिबंध जैसे मुद्दों को उठाने से उडुपी-मंगलुरु क्षेत्र की कुछ सीटों को छोड़कर पार्टी को कोई मदद नहीं मिली.
गुजरात जैसे राज्यों में अपनी सफलता को दोहराने के लिए कुछ कदम - जैसे 75 नए चेहरों को मैदान में उतारना, या मुख्यमंत्री मध्यावधि को बदलना की वजह से भी जीतने में विफल रहे. उन्होंने कहा कि नए चेहरों में से 61 चेहरे चुनाव हार गए. साथ ही पार्टी ने अपने प्रचार के दौरान मौजूदा सीएम बसवराज बोम्मई को उजागर नहीं किया. जो यह दिखाता है कि पार्टी खुद की लीडरशिप के साथ ही खुश नहीं थी.
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