Amit Shah In Karnataka: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने कर्नाटक दौरे पर बूथ स्तर के बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में हिस्सा लिया. उन्होंने कर्नाटक में अगले साल मई महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जमीनी स्तर पर की जाने वाली तैयारियों का जायजा लेने के लिए ये बैठक की. इस बैठक में सीएम बसवराज बोम्मई के साथ राज्य के गृह मंत्री अरगा जननेंद्र, बीजेपी महासचिव और राज्य के प्रभारी अरुण सिंह, राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष और राष्ट्रीय सचिव सीटी रवि मौजूद रहे.


बीजेपी पुराने मैसुरू के इलाके में अपनी सियासी जमीन तैयार करने की लगातार कोशिश कर रही है. इस इलाके में जेडीएस और कांग्रेस का जनाधार काफी मजबूत है. इस इलाके में बीजेपी को 2019 में जीत हासिल हुई थी, जब एक जेडीएस नेता ने पाला बदल लिया था. इससे पहले शुक्रवार को अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की मौजूदगी में मांड्या जिले में एक मेगा डेयरी प्लांट का उद्घाटन किया था.


मांड्या में यूं खत्म होगा जेडीएस का बोलबाला


बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मांड्या जिले में वोक्कालिंगा समुदाय के एक बड़े कार्यक्रम में कहा कि जेडीएस-कांग्रेस को बहुत मौके मिल चुके हैं और वो एक-दूसरे से मिले हुए हैं. इस बार मांड्या और मैसुरु में कमल खिलेगा. हम बहुमत जीतेंगे. उन्होंने बीजेपी की हिंदुत्व और विकास की रणनीति पर जोर देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 2013 से 2018 तक सीएम रहे सिद्धारमैया ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के खिलाफ मुकदमे वापस लिए. शाह ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद पीएफआई पर प्रतिबंध लगा और उसके नेता गिरफ्तार हुए.


वोक्कालिंगा समुदाय पर बीजेपी की नजर


पुराने मैसुरु इलाके के मांड्या जिले में साल विधानसभा सीटें हैं. जिनमें से 6 पर जेडीएस का कब्जा है और एक पर बीजेपी ने उपचुनाव में जीत हासिल की थी. बता दें कि कर्नाटक में वोक्कालिंगा समुदाय की आबादी करीब 15 फीसदी है और लिंगायत के बाद दूसरा सबसे बड़ा वोट बैंक है. वोक्कालिंगा समुदाय का पुराने मैसुरु इलाके में दबदबा है. हालांकि, ये समुदाय अब तक भाजपा से दूर ही रहा है.


वोक्कालिंगा समुदाय के मठ भी पहुंचे अमित शाह


अमित शाह अपने कर्नाटक दौरे पर वोक्कालिंगा समुदाय में बड़ा प्रभाव रखने वाले आदि चुंचनगिरी मठ गए. यहां उन्होंने मठ के निर्मलानंदनाथ स्वामी जी से मुलाकात की. अमित शाह ने लंबे समय से रूके कैबिनेट विस्तार को लेकर भी हामी भरी. जिसके जरिये केएस ईश्वरप्पा और रमेश झारकोली जैसे नेताओं को 2023 के चुनाव से पहले साधा जाएगा. मांड्या में शाह ने 2024 में अयोध्या में राम मंदिर, केदारनाथ, बद्रीनाथ, काशी विश्वनाथ के विकास के मुद्दों के जरिये लोगों के बीच जगह बनाने का हर संभव दांव खेला है.


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