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Karnataka Election 2023: 'पूर्ण बहुमत से बनाएंगे सरकार', कर्नाटक में चुनाव की घोषणा होते ही BJP और कांग्रेस ने किया ये दावा | 10 बड़ी बातें
Karnataka Elections: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सरकार बनाने का दावा किया है. उन्होंने कहा, "हम अपने दम पर जीतेंगे, हमें गठबंधन की जरूरत नहीं है. राहुल गांधी 5 अप्रैल को प्रदेश का दौरा करेंगे."
Karnataka Elections 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव का आधिकारिक बिगुल बज चुका है. प्रदेश में बीजेपी के सामने कुर्सी बचाने की चुनौती है, तो वहीं कांग्रेस इस बार सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक रही है. चुनाव का एलान होते ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों की ओर से दावों का दौर शुरू हो गया है. सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा है कि बीजेपी फिर पूर्ण बहुमत के साथ वापसी करेगी, तो वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार कह रहे हैं कि कांग्रेस पूरी तरह तैयार है. यहां चुनाव से जुड़ी 10 बातें जानें.
चुनाव से जुड़ी 10 बड़ी बातें
- चुनाव का एलान होने के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, "चुनाव आयोग ने तारीखों का एलान कर दिया है. 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को नतीजे आएंगे." उन्होंने आगे कहा, "बीजेपी हमेशा से तैयार रहने वाली पार्टी है और हम चुनाव के लिए तैयार हैं. बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने जा रही है."
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि कर्नाटक चुनाव में इस बार कांग्रेस जीतेगी और राज्य में सरकार बनाएगी. उन्होंने दावा किया किया कि बीजेपी के खिलाफ जनता में गुस्सा है और यही वजह है कि मोदी सरकार के सभी शीर्ष मंत्री राज्य का दौरा कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों कर्नाटक चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करेंगे. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता राज्य का दौरा करेंगे."
- चित्तपुर सीट से कांग्रेस विधायक प्रियांक खरगे ने इस बार सरकार बनाने का दावा किया. कर्नाटक चुनाव पर उन्होंने कहा, "हम यह चुनाव जीत रहे हैं. कर्नाटक के 40% लोग सरकार से तंग आ चुके हैं. बेरोजगारी चरम पर है. इस बार पूरी तरह से कांग्रेस का ही दबदबा है और बीजेपी जाति की राजनीति कर रही है. खरगे जी और राहुल जी कर्नाटक से 150 सीटें दिलाना चाहते हैं." सीएम चेहरे पर प्रियांक खरगे ने कहा, "सीएम का फैसला पार्टी आलाकमान बाद में करेगा."
- कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद ने भी सरकार बनाने का दावा किया. उन्होंने कहा, "हम राज्य में बीजेपी से आगे हैं क्योंकि हमने 3 साल पहले डीके शिवकुमार के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अपना चुनाव अभियान शुरू किया था." बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए बीके हरिप्रसाद ने कहा, "बीजेपी देश में भ्रष्टाचार की जननी है. यह विकास कार्यक्रमों में नहीं बल्कि विधायकों की खरीद-फरोख्त में विश्वास करती है." टिकट बंटवारे को लेकर उन्होंने कहा, "पिछले 6 महीने से प्रत्याशी चयन की कवायद चल रही है. पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी जल्द ही सब कुछ अंतिम रूप देगी."
- उधर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला किया है. उन्होंने कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार पर निशाना साधते हुए उन पर अपनी ही पार्टी के सीनियर नेताओं का अपमान करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "डीके शिवकुमार भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस के बड़े नेताओं के पीछे पड़े हैं." विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा, "बीजेपी कर्नाटक चुनाव के लिए तैयार है और बीजेपी राज्य में एक बार फिर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी."
- बीजेपी के दिग्गज नेता भी तीन महीने से कर्नाटक में डटे हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद तीन महीने में 7 बार कर्नाटक का दौरा कर चुके हैं. तो वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी 10 से ज्यादा दौरे किए हैं. उधर कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां 20 दिन तक भारत जोड़ो यात्रा की थी. प्रदेश में इस यात्रा को काफी समर्थन मिला था.
- कर्नाटक में बीजेपी और कांग्रेस दोनों को इन दिनों अंतर्कलह का सामना करना पड़ रहा है. इनमें जो सबसे बड़ी चुनौती है वो कार्यकर्ता और संगठन के बड़े नेताओं में तालमेल की कमी. कांग्रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार हमेशा से एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी माने जाते रहे हैं. ठीक इसी तरह से बीजेपी में भी बीएल संतोष, बीएस येदियुरप्पा और बसवराज बोम्मई के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा.
- कर्नाटक में बीजेपी के पास येदियुरप्पा के बाद अब कोई ऐसा चेहरा नहीं है, जिसके नाम पर पूरी पार्टी एकजुट किया जा सके. यही कारण है कि कई नेता पार्टी छोड़कर कांग्रेस और जेडीएस का दामन भी पकड़ रहे हैं. कांग्रेस के लिए बीजेपी के बागी नेता भी सिरदर्द साबित हो सकते हैं. डीके शिवकुमार के अलावा पार्टी में कोई ऐसा नेता नहीं है जो सभी नेताओं को एकजुट रख सके.
- प्रदेश में इस वक्त भले ही बीजेपी की सरकार हो, लेकिन 2018 में बहुमत के आंकड़े से दूर रहने के कारण जेडीएस की लॉटरी निकल पड़ी थी और एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. लोकसभा चुनाव 2019 के बाद प्रदेश में काफी राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला था. कांग्रेस और जेडीएस इसके बाद साथ आए. कुमारस्वामी सीएम बने लेकिन अंदरूनी खींचतान की वजह से यह सरकार भी 14 महीने ही चल सकी.
- कुमारस्वामी 23 जुलाई 2019 को विश्वास मत हार गए. इसके बाद येदियुरप्पा के नेतृत्व में बीजेपी ने फिर से सरकार बना ली थी. येदियुरप्पा को भी 2021 में कुर्सी से उतार दिया गया था और बसवराज बोम्मई को सीएम बनाया गया था. बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 224 में से 104 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस ने 80 और जेडीएस ने 37 सीटें जीती थीं. वोट प्रतिशत देखें तो बीजेपी को 36.3, कांग्रेस को 38.1 और जेडीएस को 18.3 फीसद वोट शेयर मिला था.
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अवधेश कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
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