Karnataka Elections: टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में छिड़ी नोकझोंक, इन मुद्दों पर किया कटाक्ष- संन्यास लेंगे सिद्धारमैया
Karnataka: बीजेपी-कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों को पिछड़े वर्गों की सूची से हटाने और उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% कोटा के तहत रखने के कर्नाटक सरकार के फैसले पर भी विवाद किया.
BJP-Congress Clashed: कर्नाटक में चुनावी लड़ाई के दौरान बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने शुक्रवार को एक-दूसरे पर कटाक्ष किया. मतदान के लिए लगभग एक महीना शेष होने के कारण दक्षिणी राज्य में चुनाव प्रचार तेज हो गया है. जहां कांग्रेस ने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा में 'देरी' को लेकर बीजेपी पर ताना मारा तो वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने यह कहते हुए पलटवार किया कि राज्य में विपक्षी दल के पास कई सीटों पर उम्मीदवार नहीं थे जो उन्हें अन्य पार्टियों से मिले. इसके अलावा, दोनों पार्टियों ने धार्मिक अल्पसंख्यकों को पिछड़े वर्गों की सूची से हटाने और उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत कोटा के तहत रखने के कर्नाटक सरकार के फैसले पर भी विवाद किया.
शिवकुमार को बोम्मई ने दिया जवाब
बसवराज बोम्मई ने कहा कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व उम्मीदवारों का फैसला करेगा और राज्य इकाई नामों के एक पैनल की सिफारिश करेगी. 8-9 अप्रैल को हमारी बैठक होगी और जाहिर तौर पर 10 अप्रैल को टिकट बांटे जाएंगे. टिकट चयन की प्रक्रिया नियमानुसार चल रही है. हमने लगातार तीन दिनों तक बैठकें कीं और पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं और लोगों की राय ली. अंतिम सूची पर चर्चा की जाएगी, क्योंकि हमने प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए तीन नामों को मंजूरी दी है.
पिछड़े वर्गों की सूची में धार्मिक अल्पसंख्यकों के आरक्षण के बीजेपी सरकार के फैसले को रद्द करने वाली कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार की टिप्पणी का जवाब देते हुए बोम्मई ने कहा कि वे इसे छू नहीं सकते, हम देखते हैं कि वे क्या कर सकते हैं?
चुनावी राजनीति से संन्यास लेंगे सिद्धारमैया
कांग्रेस के चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि पार्टी को 224 सीटों में से कम से कम 130 सीटों पर जीत की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि मैं वरुणा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा हूं, क्योंकि मेरा पैतृक गांव इस निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. यह मेरा आखिरी चुनाव होगा. मैं चुनावी राजनीति से संन्यास लूंगा. डीके शिवकुमार के साथ मेरे संबंध मधुर हैं. हमारे बीच कोई मतभेद नहीं हैं. बेशक, लोकतंत्र में मतभेद मौजूद हैं, लेकिन यह पार्टी के हितों के लिए हानिकारक नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस बार 130 से अधिक सीटों की उम्मीद कर रही है और पार्टी अपने दम पर पर्याप्त बहुमत के साथ सत्ता में आएगी. लोगों ने भी सरकार बदलने का फैसला कर लिया है.
सिद्धारमैया ने बीजेपी पर बोला हमला
सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री बोम्मई और सत्तारूढ़ बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी एक सांप्रदायिक पार्टी है. हमारी सेक्युलर पार्टी है. कर्नाटक के लोगों के बीच कोई असमानता नहीं हो सकती.
सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि बसवराज बोम्मई कन्नडिगाओं के हितों की रक्षा करने में 'बुरी तरह' विफल रहे और मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने के लायक नहीं हैं. मोदी और शाह वोट लेने के लिए कर्नाटक आ रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि यह डबल इंजन की सरकार है. लेकिन, महाराष्ट्र सरकार राज्य की स्वतंत्रता में खुलेआम दखल दे रही है.
उन्होंने कहा कि आरक्षण का पुनर्वर्गीकरण उचित नहीं है, संवैधानिक नहीं है. यह मान्य नहीं है. हमें वोक्कालिगा और लिंगायत के आरक्षण को बढ़ाने पर कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन, आपने मुसलमानों के आरक्षण को समाप्त क्यों किया? यह स्पष्ट रूप से बदले की राजनीति, नफरत की राजनीति को दर्शाता है.
सिद्धारमैया ने कहा कि वह वरुणा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. क्योंकि, पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने इसे मंजूरी दे दी है. ऐसा नहीं है कि मुझे चुनाव लड़ने में दिलचस्पी है, लेकिन कोलार के लोग चाहते हैं कि मैं वहां से चुनाव लड़ूं. बता दें कि कांग्रेस और जेडीएस ने कर्नाटक चुनाव के लिए अब तक क्रमश: 166 और 93 उम्मीदवारों की घोषणा की है.
डीके शिवकुमार का बीजेपी पर कटाक्ष
डीके शिवकुमार ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस ने राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की दो सूचियां जारी की हैं और बीजेपी अपनी पहली सूची भी जारी नहीं कर पाई है. अगर कांग्रेस कर्नाटक में सरकार बनाती है तो वह धार्मिक अल्पसंख्यकों को पिछड़े वर्गों की सूची से हटाने के भाजपा सरकार के फैसले को बदल देगी, जिसके तहत उन्हें चार प्रतिशत आरक्षण मिला था.
शिवकुमार ने बताया कि अब तक कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दो सूची जारी कर चुकी है और तीसरी के लिए चर्चा चल रही है और जल्द से जल्द जारी भी करेगी. लेकिन, बीजेपी अभी तक अपनी पहली सूची भी जारी नहीं कर सकी है. शिवकुमार ने एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 'मैं उस पर ज्यादा चर्चा नहीं करना चाहता. वो बीजेपी की ए टीम, बी टीम और सी टीम की तरह हैं. कर्नाटक के लोग बहुत समझदार हैं और कांग्रेस सरकार बनाएगी.
अल्पसंख्यकों के आरक्षण नीति में करेंगे बदलाव
शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव के लिए गुरुवार (6 अप्रैल) को 42 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की. हालांकि, कोलार से कौन चुनाव लड़ेगा, इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण हटाया जो कानून के खिलाफ है और अल्पसंख्यक (समुदाय) कांग्रेस का समर्थन करने जा रहे हैं. कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हम अल्पसंख्यकों के अधिकार की रक्षा करेंगे और आरक्षण नीति में बदलाव किया जाएगा.
बता दें कि कर्नाटक में बोम्मई सरकार ने पिछड़े वर्गों की सूची से धार्मिक अल्पसंख्यकों को हटाने का फैसला किया है और चार प्रतिशत कोटा का पुनर्वितरण किया है. इस पर अल्पसंख्यकों ने कहा कि 'आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत कोटा के तहत आरक्षण मिलेगा'.
बीजेपी ने किया शिवकुमार पर पलटवार
शिवकुमार पर पलटवार करते हुए कर्नाटक बीजेपी ने एक ट्वीट में कहा कि डीके शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि हम ओक्कालिगा, वीरशैव-लिंगायत, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को दिया जाने वाला आरक्षण रद्द कर देंगे. तुष्टिकरण की राजनीति के लिए इन समुदायों के अधिकार को उखाड़ने के लिए आईएनसी कर्नाटक को तदनुसार दंडित किया जाएगा.
दहशत में हैं बीजेपी
कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि बीजेपी दहशत में है, क्योंकि उसने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा नहीं की है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई अपनी सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं और उनके मंत्री भी अपनी सीटों से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. सभी अपनी सीटों से भाग रहे हैं. कोई भी चुनाव नहीं लड़ना चाहता है, इसलिए वे फिल्मी सितारों और उपद्रवी हिस्ट्रीशीटर्स पर निर्भर हैं.
सीएम चेहरे के लिए स्पष्ट नहीं कांग्रेस
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा चुनाव के टिकट बांटते समय सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया है. चलिए एक दिन और इंतजार करते हैं. बीजेपी ने हमेशा युवाओं और महिलाओं को भरपूर अवसर दिए हैं और सामाजिक न्याय बनाए रखा है. इन सबसे ऊपर हमने हमेशा पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी है. इसलिए पार्टी आज अन्य सभी पार्टियों से अलग है.
सुधाकर ने कहा कि आगामी चुनाव में कांग्रेस के पास अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में स्पष्टता नहीं है. मैं सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की तुलना में सुरजेवाला को अधिक देख रहा हूं. उन्हें एक चेहरे पर फैसला करने दें कि वे दोनों कैसे कह सकते हैं? वे (कांग्रेस) स्पष्ट नहीं हैं, उनके पास इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि सीएम चेहरा कौन बनेगा. हमारे पास स्पष्टता है, हमारे पास हमारे पीएम हैं जिनके मार्गदर्शन में सरकार चलेगी और हमारे पास एक सक्षम, कुशल सीएम बसवराज बोम्मई हैं जो अभियान समिति के अध्यक्ष भी हैं.
चुनाव के अंत तक किच्चा सुदीप के शो और विज्ञापनों पर रोक!
उधर, जेडीएस ने चुनाव आयोग को कन्नड़ एक्टर किच्चा सुदीप के शो और चुनाव के अंत तक उनके विज्ञापनों को रोकने के लिए पत्र लिखा है. पत्र में तथ्य दिया गया कि उनकी फिल्में, विज्ञापन, पोस्टर आदि वोटों को प्रभावित कर सकते हैं. किच्चा सुदीप वर्तमान में बीजेपी के स्टार प्रचारक के रूप में पहचाने जाते हैं.
जेडीएस नेता तनवीर अहमद ने कहा कि सुदीप, कर्नाटक के मुख्यमंत्री के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं और बीजेपी के लेटरहेड पर भेजे गए सभी मीडिया को निमंत्रण देते हैं. वह वास्तव में कहते हैं कि वह वही करने जा रहे हैं जो सीएम कहते हैं, वह एक राजनीतिक पार्टी का पालन करते हैं, इसलिए वह एक राजनीतिज्ञ हैं. देश के कानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति जिसका राजनीतिक जुड़ाव है, उसे सार्वजनिक मंच पर नहीं देखा जा सकता है. इसलिए हमने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि वह सुदीप की फिल्मों, ओटीटी प्लेटफॉर्म, विज्ञापनों के मामले को देखें.
जेडीएस के इस पत्र पर सुधाकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे इसे टीवी पर दिखाते हैं या नहीं. किच्चा सुदीप एक बेहद लोकप्रिय अभिनेता हैं. जब वह हमारे लोगों के पक्ष में जाते हैं तो प्रचार के लिए हमें निश्चित रूप से कैडर से बहुत समर्थन मिलेगा और साथ ही वह हमें वोट और सीटें दिलवाएंगे'. बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव 10 मई को एक चरण में होंगे और वोटों की गिनती 13 मई को होगी.