Karnataka: कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में महौल गर्म है, सभी पार्टियां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के साथ चुनावी मैदान में उतर गई हैं. बीजेपी और कांग्रेस के बीच राज्य के क्षेत्रीय पार्टी जेडी(एस) भी अपने गढ़ कर्नाटक के मांड्या जिले को बरकरार रखने के लिए एक नई चुनावी रणनीति की तलाश में है. जेडी(एस) ने 2018 में यहां के सभी सात सीटों पर जीत दर्ज की थी. कहा जाता है कि मांड्या जिला इस पार्टी का अभेद किला है, यहां जेडी(एस) का पिछले एक दशक से एकाधिकार रहा है.


जेडी(एस) सभी सीटों को बरकरार रखना चाहिए


जनता दल( सेकुलर) इस बार भी मांड्या जिले को अपने कब्जे में करने की पूरी कोशिश करेगी, हालांकि अगर मांड्या निर्वाचन सीट की बात करें तो यहां पार्टी के लिए एक चुनौती जरूर होगी. जेडी(एस) मांड्या सीट पर साल 2004, 2008 और 2018 में जीत दर्ज कर चुकी है, लेकिन उसे कांग्रेस से खतरा जरूर हो सकता है. कांग्रेस के दिवंगत अभिनेता-राजनेता अंबरीश साल 2013 में यहां से जेडीएस को हरा कर जीत हांसिल करने में कामयाब रहे थे. जबकि पिछले विधानसभा 2018 के चुनाव में अंबरीश कांग्रेस के साथ झगड़े को लेकर चुनाव नहीं लड़े थे. 


क्षेत्रीय पार्टी का एक बहुल वर्ग चाहता है कि पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी मांड्या सीट से चुनाव लड़ें, लेकिन पार्टी इस विकल्प पर सावधानी से विचार कर रही है. इस बात पर कुमारस्वामी ने कहा कि हर चुनाव अलग होता है. उन्होंने कहा, 'हमने पिछली बार सभी सात सीटें जीती थीं क्योंकि तब हमारी रणनीति उपयुक्त थी. हमें सभी सीटों को बरकरार रखना चाहिए, इसलिए हमें एक उपयुक्त योजना तैयार करनी चाहिए.


यहां जेडी(एस) का एक दशक से एकाधिकार रहा है


बीजेपी भी मांड्या जिले में अपनी पैठ बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और इस लड़ाई को त्रिकोणीय मुकाबले में बदल रही है. सूत्रों से पता चला है कि बीजेपी यहां से कुछ सीटों पर मजबूत उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है. इस सिलसिले में पार्टी एलआर शिवराम गौड़ा के साथ बातचीत कर रही है. कहा जा रहा है कि उन्हें नागमंगला सीट से पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उतारा जा सकता है. पार्टी ने मांड्या से निर्दलीय सांसद और दिवंगत नेता अंबरीश की पत्नी सुमालता को भी पार्टी का समर्थन दिया है, जिससे यहां का मुकाबला दिलचस्प दिखाई दे रहा है. 


हालांकि जेडी(एस) को बीजेपी से ज्यादा खतरा नही दिख रहा है क्यूकि बीजेपी आजतक मांड्या जिले में खाता भी नहीं खोल पाई है. शुरुआती विधानसभा चुनाव में यहां पर कंग्रेस का दबदबा था लेकिन पिछले एक दशक से जेडी(एस) ने इस जिले में अपनी पकड़ मजबूत की है. बता दें कि मांड्या जिले में मालवल्ली, मद्दुर, मेलुकोट, मांड्या, श्रीरंगपटना, नागमंगला और कृष्णराजपेट मिलाकर कुल सात विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र है, जिसे हाल के दशक में जेडी(एस) के एक अभेद किले के रुप में जाना जाता है.


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