Karnataka Election 2023: कर्नाटक को दिए सात मुख्यमंत्री और एक प्रधानमंत्री, वोक्कालिगा समुदाय की 100 सीटों के लिए पार्टियों में होड़
Karnataka Election: ओल्ड मैसूर क्षेत्र में इस समुदाय की मजबूत पकड़ मानी जाती है, जहां कुल 58 विधानसभा क्षेत्र हैं. वहीं कर्नाटक में वोक्कालिगा समुदाय का राज्य की करीब 100 विधानसभा सीटों पर दबदबा है.
Parties Vie For Vokkaliga Vote: लिंगायत के बाद वोक्कालिगा समुदाय को कर्नाटक का दूसरा प्रमुख समुदाय माना जाता है, वोक्कालिगा समुदाय पर जेडी(एस) और कांग्रेस का आधिपत्य बीजेपी से ज्यादा रहता आया है. इस बार इसको लेकर सत्तारूढ़ पार्टी ने चुनाव से पहले उन्हें लुभाने की कोशिश की है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दस मई के विधानसभा चुनाव में उनके मतदान के रुख में बदलाव आएगा.
कर्नाटक की राजनीति में वोक्कालिगा की भूमिका का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने आजादी के बाद से कर्नाटक को सात मुख्यमंत्री और एक प्रधानमंत्री दिया है. वहीं राज्य के पहले तीन मुख्यमंत्री के चेंगलराय रेड्डी, केंगल हनुमनथैया और कदीदल मंजप्पा वोक्कालिगा समुदाय से थे.
पीएम बनने वाले देवगौड़ा इसी समुदाय से
एचडी देवगौड़ा, वोक्कालिगा समुदाय से कर्नाटक के पहले व्यक्ति हैं जो प्रधानमंत्री भी बने. यहां के ओल्ड मैसूर क्षेत्र में इस समुदाय की मजबूत पकड़ मानी जाती है. इसमें रामनगर, मांड्या, मैसूरु, चामराजनगर, कोडागू, कोलार, तुमकुरु और हासन जिले शामिल हैं. इस क्षेत्र में कुल 58 विधानसभा क्षेत्र हैं, जो 224 सदस्यीय सदन की कुल सीटों की संख्या का एक-चौथाई से अधिक है.
पिछले विधानसभा चुनाव में जेडी(एस) को 24 सीटें, वहीं कांग्रेस पार्टी को 18 तो बीजेपी ने 15 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके बावजूद, यह समुदाय बेंगलुरु शहरी जिले के 28 निर्वाचन क्षेत्रों, ग्रामीण के चार और चिक्काबल्लापुरा के आठ निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में है. कुल सीटों को मिलाकर देखें तो वोक्कालिगा समुदाय का राज्य की करीब 100 विधानसभा सीटों पर दबदबा है.
जेडीएस वोक्कालिगा को मुख्य आधार वोट मानती है
जेडी(एस) नेता देवगौड़ा वोक्कालिगा को पुराने मैसूर क्षेत्र में अपना मुख्य आधार वोट मानती है, जहां उसका मुकाबला कांग्रेस के साथ है, हालांकि हाल के दिनों में बीजेपी कुछ पैठ बनाने में सफल रही है. जाहिर है, इस समुदाय के बीच अपना दबदबा बढ़ाने के लिए, बीजेपी ने आरक्षण कार्ड चलकर चार प्रतिशत कोटा लिंगायत और वोक्कालिगा के बीच समान रूप से वितरित किया. इसके साथ ही अब वोक्कालिगा के लिए आरक्षण चार प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत हो गया है.
बीजेपी ने वोक्कालिगा समुदाय को अपने साथ जोड़ने के लिए एक समीकरण बनाया, जिसके तहत पार्टी ने बेंगलुरु एयरपोर्ट के पास बेंगलुरु के संस्थापक और विजयनगर राजवंश के 16वीं सदी के सरदार नाडा प्रभु केम्पे गौड़ा की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया. इस क्षेत्र के 58 विधानसभा सीटों पर अकेले वोक्कालिगा का वर्चस्व है, जिसकी कुल आबादी इस क्षेत्र में लगभग 15 प्रतिशत है, जो लिंगायत के 17 फीसदी के बाद दूसरे नंबर पर है.