Karnataka Assembly Elections 2023: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आता जा रहा है, वैसे-वैसे सभी पार्टियां वहां की जनता को लुभाने में कोई कसर नही छोड़ रही हैं. एक तरफ जहां सत्तारूढ़ बीजेपी सूबे में अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए मतदाताओं को लुभाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस अपनी खोई सत्ता को पाने के लिए अपने चुनावी वादों के साथ मतदाताओं को अपने पाले में लाने के प्रयास कर रही है. 


कर्नाटक चुनाव में बीजेपी मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे को लेकर कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है. वहीं कांग्रेस ने कहा कि उसकी पार्टी सभी जातियों के लिए उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण की सीमा को मौजूदा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करेगी.


कांग्रेस नेता के वादे पर येदियुरप्पा ने कही ये बात
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के अपने एक ट्वीट के जरिए कहा है कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण की सीमा को 50% से बढ़ाकर 75% करने और सभी जातियों को उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में सत्ता में आने पर कर्नाटक में आरक्षण की सीमा बढ़ाएगी.






कांग्रेस नेता के किए गए इस दावे पर पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य में प्रमुख विपक्षी दल के रूप में "चुनावी वादा" कभी पूरा नहीं किया जाएगा. अनुभवी लिंगायत नेता की ओर से कहा गया कि चूंकि सिद्धारमैया आगामी चुनाव में बुरी तरह हारने वाले हैं, इसलिए राज्य में आरक्षण की सीमा बढ़ाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है.


कांग्रेस हार की ओर अग्रसर 
कर्नाटक में लिंगायत के प्रमुख नेता येदियुरप्पा ने कहा कि कांग्रेस इस चुनाव में बुरी तरह पिटने जा रही है और हार की ओर अग्रसर है. उन्होंने दावा किया है कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए वह अपनी पूरी ताकत लगा देंगे.


कांग्रेस के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने एक ट्वीट में कहा, "हम वोक्कालिगा या लिंगायत या किसी अन्य समुदाय के लिए आरक्षण बढ़ाने के खिलाफ नहीं हैं.  हम उनकी आबादी के आधार पर सभी के लिए आरक्षण बढ़ाने का समर्थन करते हैं." 


बागियों पर किया कटाक्ष
येदियुरप्पा ने इससे पहले बुधवार को हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने वाले बीजेपी के जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे 10 मई के विधानसभा चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को धोखा देने के लिए भुगतान करेंगे. दोनों बागी नेता लिंगायत समूह के प्रमुख सदस्य हैं. जिनके बारे में माना जाता है कि राज्य में चुनाव परिणामों पर इसका काफी प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को एक ही चरण में मतदान होगा, जबकि 13 मई को इसके नतीजे घोषित किए जाएंगे.


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