Karnataka Assembly Elections 2023: कर्नाटक में बीजेपी के नेता रहे पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार अब पार्टी छोड़कर कांग्रेस के साथ चले गए हैं. लेकिन 67 साल के बुजुर्ग के खून में अब भी संघ बसता है.


शेट्टार को राजनीति विरासत में मिली है. उनके चाचा सदाशिव शेट्टार परिवार के पहले बीजेपी नेता थे. वह जनसंघ से हुबली निर्वाचन क्षेत्र से 1967 में कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए थे. वहीं जगदीश के पिता एस एस शेट्टार हुबली-धारवाड़ नगर निगम में पांच बार पार्षद रहे. इससे उनकी पकड़ इस क्षेत्र में किसी भी नेता से अधिक है.


15,000 से अधिक मतों से बोम्मई को हाराया 


शेट्टार परिवार कर्नाटक के हुबली क्षेत्र से आता है, जिसमें लगभग 20% लिंगायत हैं. शेट्टार इस क्षेत्र से छह बार के विधायक हैं, वह वर्तमान में भी इस सीट से ही विधानसभा के लिए चुने गए हैं. इसके साथ ही धारवाड़ लोकसभा सीट जीतने के लिए उनका समर्थन महत्वपूर्ण माना जाता है.


कहा जाता है कि इस सीट से वर्तमान बीजेपी सांसद, प्रल्हाद जोशी, जो कि एक ब्राह्मण हैं, ने धारवाड़ से जीतने के लिए शेट्टार के दबदबे का सहारा लिया था. 


कांग्रेस नेता जगदीश शेट्टार पहली बार हुबली ग्रामीण विधानसभा सीट से 1994 में चुनाव लड़े थे. शेट्टार ने अपने पहले ही चुनाव में वर्तमान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को हराया था. उस समय सीएम बोम्मई जेडीएस से चुनाव लड़े थे. तब शेट्टार ने करीब 15,000 से अधिक वोटों से बोम्मई को हराया था. 


बोम्मई 2008 में जेडी(एस)से बीजेपी में आए


बोम्मई के लिए 1994 में उस सीट से शेट्टार से मिली हार पचाना आसान नहीं था, खासतौर पर जहां उनके पिता एस आर बोम्मई (जो कर्नाटक के एक पूर्व सीएम रह चुके थे) 1978 और 1985 के बीच तीन बार इस क्षेत्र से चुने गए थे. शेट्टार की तरह बोम्मई भी एक राजनीतिक परिवार में पैदा हुए थे. उनके पिता एसआर बोम्मई 1980 के दशक के आखिरी में राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके थे. बोम्मई 2008 में बीजेपी के साथ शामिल हो गए और पड़ोसी हावेरी क्षेत्र में शिगगांव सीट से पार्टी के टिकट पर जीते. 


एक किस्सा ऐसा भी...


ऐसा ही एक और किस्सा है जो शेट्टार को बोम्मई के सामने सुपीरियर के तौर पर देखा गया था. येदियुरप्पा कैबिनेट में जब बोम्मई गृह मंत्री थे जब उन्हें उनकी जगह राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया था. इसके बाद जब बोम्मई अपने मंत्रिमंडल का गठन करना चाह रहे थे तो यह उम्मीद थी कि पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार मंत्रालय में शामिल होंगे क्योंकि शेट्टार, येदियुरप्पा के मंत्रिमंडल का भी हिस्सा रह चुके थे. 


हालांकि, उस समय शेट्टार ने यह कहते हुए बोम्मई की कैबिनेट में शामिल होने से मना कर दिया कि वह उनसे पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अपने से जूनियर व्यक्ति के मंत्रिमंडल में शामिल होना उनके लिए ठीक नहीं होगा.


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