नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 की सियासी शतरंज पर गोटियां बिछनी शुरू हो गईं हैं. आरोप-प्रत्यारोप, तेरे उपवास बनाम मेरा उपवास, तुमसे बड़ा मैं दलित हितैषी, ये सारी हलचल 2019 के महाभारत की शुरुआत है. 2019 के महाभारत से पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव बीजेपी और कांग्रेस के लिए करो या मरो की स्थिति पैदा कर दिया है. बीजेपी जहां कर्नाटक में फिर वापसी के लिए बेचैन है वहीं, कांग्रेस अपने इस किला को बचाकर संघर्षरत पार्टी को मजबूत करना चाहती है. कर्नाटक की रणभेरी में सियासी बयानों की तीर और जीत के दावे दोनों दलों की तरफ से लगातार किये जा रहे हैं.


कर्नाटक में जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, इसके लिए इंडिया टुडे ने एक सर्वे किया है. सर्वे के मुताबिक, राज्य में किसी को बहुमत नहीं मिल रहा. सीटों के आंकड़ों पर गौर की जाए तो कांग्रेस इस बार भी बीजेपी पर हावी है.


कर्नाटक: बीजेपी, कांग्रेस के लिए 'करो या मरो' की स्थिति, तीसरे मोर्चे की तैयारी में क्षेत्रीय पार्टियां


सर्वे में किसको कितनी सीटें?


सर्वे के मुताबिक, बीजेपी को 78 से 86 सीट मिलने की संभावना है. वहीं कांग्रेस को 90 से 101 सीट मिल सकती हैं. स्थानीय पार्टी जेडीएस को 34 से 43 सीट मिलने की संभावना है. वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस को 37%, बीजेपी को 35%, जेडीएस को 19% और अन्य को 9 % वोट मिल सकते हैं.


वर्तमान में किसके पास हैं कितनी सीटें?


बता दें कि राज्य में फिलहाल कांग्रेस सत्ता में और सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं. 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के 122, बीजेपी के 43, जेडीएस के 34, बीएसआरसी के तीन, केजेपी के 2, केएमपी के एक और 8 निर्दलीय विधायक हैं.


कर्नाटक में 12 मई को डाले जाएंगे वोट


कर्नाटक में एक चरण में 12 मई को वोट डाले जाएंगे, जबकि 15 मई को वोटों की गिनती होगी. अधिसूचना की तारीख 17 अप्रैल है और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 24 अप्रैल है. नामंकन पत्रों की जांच 25 अप्रैल को होगी और नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 27 अप्रैल है.


कर्नाटक में बीजेपी क्यों पिछड़ रही है?


कर्नाटक चुनाव में बीजेपी फ़िलहाल बैकफुट पर खड़ी है. एक के बाद एक चुनाव हार रही कांग्रेस के लिए कर्नाटक जीतना साख की लड़ाई बन चुकी है. वहीं बीजेपी के आंध्र प्रदेश में टीडीपी के साथ गठबंधन टूट जाना, तमिलनडु में कावेरी मुद्दे को लेकर भड़का गुस्सा और तेलंगाना में भी कभी नरेंद्र मोदी के समर्थन में बोलने वाले केसीआर अब बीजेपी के खिलाफ हो गए है.