Karnataka Politcs: कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने बुधवार (12 जुलाई) को विधानसभा में कहा कि उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी समझौते की राजनीति (एडजस्टमेंट पॉलिटिक्स) नहीं की है और यदि कोई यह साबित कर दे कि उन्होंने ऐसा किया है तो वह तुरंत राजनीति छोड़ देंगे.
सदन में इस बात पर थोड़ा हंसी ठट्ठा भी हुआ कि विधानसभा में विपक्ष का नेता कौन होगा. सिद्धारमैया ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता बसनगौड़ा पाटिल यतनाल पर यह कहते हुए चुटकी ली कि उनको जानकारी है कि पाटिल को इस पद के लिए नहीं चुना जाएगा.
'बैठ जाइए, बीजेपी आपको नहीं बनाएगी नेता विपक्ष'
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जब जनता दल (सेक्युलर) नेता एच. डी. कुमारस्वामी सदन में संबोधन दे रहे थे तब सीएम ने गृह ज्योति योजना पर स्पष्टीकरण देने के लिए हस्तक्षेप किया था. यतनाल के बार-बार आपत्ति जताने के बीच सिद्धारमैया ने कहा, मैं जानता हूं कि आप भी विपक्ष के नेता बनने के इच्छुक लोगों में से एक हैं, कृपया इस गलतफहमी में न रहें कि बार-बार आपत्ति जताने और हस्तक्षेप करने से आपको विपक्ष का नेता बना दिया जायेगा.
सिद्धारमैया ने कहा, ऐसा कभी नहीं होगा, कृपया बैठिए. वे (बीजेपी नेतृत्व) जिसे चाहेंगे उसे नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) बना देंगे. गलतफहमी में मत रहिए कि आपको (एलओपी) केवल इसलिए बना दिया जाएगा, कि जब कोई बोल रहा होता है तो आप बार-बार हस्तक्षेप करते हैं. मेरी जानकारी के अनुसार, वे आपको नेता विपक्ष नहीं बनायेंगे.
'नहीं की समझौते की राजनीति'
विधानमंडल सत्र शुरू होने का दूसरा सप्ताह होने के बावजूद राज्य में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने अभी तक विपक्ष के नेता की नियुक्ति नहीं की है. यतनाल ने सिद्धारमैया को याद दिलाया कि 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले, उन्होंने बार-बार कहा था कि जद (एस) नेता कुमारस्वामी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे, लेकिन चुनाव के बाद कुमारस्वामी इस पद पर काबिज हुए.
उन्होंने सिद्धारमैया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आप अब भविष्यवाणी कर रहे हैं कि मैं विपक्ष का नेता नहीं बनूंगा इसका मतलब है कि मैं 100 प्रतिशत विपक्ष का नेता बनूंगा.
यतनाल ने कहा, आपको (सिद्धारमैया) जानकारी है कि मैं नेता प्रतिपक्ष नहीं बनूंगा, इसका मतलब है कि आपने (बीजेपी में) किसी के साथ समझौता कर लिया है. सिद्धारमैया ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी भी समझौते की राजनीति नहीं की है. उन्होंने कहा, आप किसी से भी पूछ सकते हैं कि जब मैं विपक्ष में था तो क्या मैं किसी मुख्यमंत्री या मंत्री के घर कोई मदद मांगने गया था.