बेंगलुरु में पानी की बड़ी समस्या, टैंकरों पर आश्रित 20 फीसदी आबादी, कर्नाटक विधानसभा में बोले डिप्टी सीएम शिवकुमार
Water Shortage in Bengaluru: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का मानना है कि बेंगलुरु पानी की बड़ी समस्या है. सरकार इस का ठोस समाधान निकालने के लिए प्रयास कर रही है.
Karnataka Assembly Session: कर्नाटक विधानसभा में मंगलवार (13 फरवरी) को डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरु में पानी की समस्या पर चिंता जताई है. डिप्टी सीएम के साथ शिवकुमार बेंगलुरु विकास मंत्री भी है जिन्होंने सदन को अवगत कराया कि 20 फीसदी आबादी को टैंकरों के जरिये पानी सप्लाई किया जाता है. यह राज्य में पानी की बढ़ती कमी की समस्या को उजागर करता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक सीके राममूर्ति ने अपने निर्वाचन क्षेत्र जयनगर की कुछ झुग्गियों में कावेरी जल की आपूर्ति नहीं होने का सवाल सदन में उठाया था. इस सवाल के जवाब में मंत्री शिवकुमार ने यह भी कहा कि 5,000 से ज्यादा घर पानी की जरुरतों को बोरवेल के जरिए पूरा करते हैं. इसका मतलब यह है कि इतने घर बोरवेल के पानी पर आश्रित हैं.
'शहर की 103 झुग्गियों में हर माह 10,000 लीटर पानी की सप्लाई'
शिवकुमार ने कहा कि साल 2017 से बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (BWSSB)शहर की 103 झुग्गियों में हर माह 10,000 लीटर पानी मुहैया करा रहा है. उन्होंने कहा कि शहर में कावेरी जल आपूर्ति का एरिया बढ़ाने में पानी की कीमतों में संशोधन जैसी समस्याएं बाधा उत्पन्न कर रही हैं.
'11 सालों से नहीं हुई पानी की दरों में बढ़ोतरी'
पानी की दरों में संशोधन में देरी करने के मामले में उन्होंने कहा कि इसके बड़ी वजह राजनीतिक कारण रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2013 के बाद यानि 11 सालों में बिजली बिलों और अन्य खर्चों (बीडब्ल्यूएसएसबी के) में बढ़ोतरी के बावजूद पानी की दरों में बढ़ोतरी नहीं कर पाए. विपक्ष के उपनेता अरविंद बेलाड ने टैंकर माफियाओं पर नकेल कसने की मांग भी की.
'मेकेदातु डेम प्रोजेक्ट कर्नाटक-तमिलनाडु के बीच सालों से बना विवाद का मुद्दा'
उन्होंने विपक्ष के आरोपों जवाब देते हुए यह भी कहा कि शहर के लोगों को टैंकरों से सप्लाई होने वाला पानी कावेरी का नहीं है. वो बोरवेल से इस पानी को हासिल करते हैं और टैंकर में भरकर आबादी को बेचने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार पानी के मुद्दे का ठोस समाधान निकालने की कोशिश में जुटी है. वहीं, तमिलनाडु के करीब कावेरी नदी पर बांध बनाने का मेकेदातु डेम प्रोजेक्ट दोनों राज्यों के बीच सालों से विवाद का मुद्दा बना हुआ है.