Karnataka Politics: कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनने के बाद 16वीं कर्नाटक विधानसभा का पहला सत्र चल रहा है. इस दौरान नवनिर्वाचित विधायक शपथ ले रहे हैं. कुछ विधायकों ने सोमवार (22 मई) को शपथ ली तो कुछ ने मंगलवार (23 मई) को. इस दौरान नियमों की धज्जियां उड़ती भी दिखीं. दरअसल, विधानसभा में विधायकों ने अपने कुल देवताओं के नाम पर शपथ ली तो बवाल हो गया.


इससे पहले प्रोटेम स्पीकर आरवी देशपांडे ने कहा कि 'जब आप शपथ लेते हैं तो आप संविधान या भगवान के नाम से ले सकते हैं. अगर इसे किसी व्यक्ति के नाम पर लिया जाएगा तो ये कानूनी नहीं होगा'. इसके बाद कुछ विधायकों को अपने कुलदेवता या आध्यात्मिक और राजनीतिक गुरुओं के नाम पर शपथ लेते हुए देखा गया.


क्या है पूरा मामला?


टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सीएम सिद्धारमैया शपथ लेने के लिए सबसे पहले पहुंचे, उसके बाद उनके डिप्टी डीके शिवकुमार और आठ कैबिनेट मंत्री थे. सिद्धारमैया ने भगवान के नाम पर शपथ ली, तो शिवकुमार ने अपने कुलदेवता गंगाधर अज्जा का नाम लिया. चन्नागिरी विधायक बसवाराजू शिवगंगा ने भगवान और डीके शिवकुमार के नाम पर शपथ ली. मुलबगल विधायक समृद्धि मंजूनाथ ने पार्टी सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा के नाम का आह्वान किया. इस पर सुलिया से बीजेपी विधायक भागीरथी मुरुल्या ने अपने कुल देवता के नाम पर शपथ लेने की मांग की, तो कांग्रेस विधायक बसवराज रायराड्डी ने इसका विरोध किया.


हालांकि, विधानसभा सत्र बुलाते ही राजभवन में प्रोटेम स्पीकर की शपथ लेने वाले देशपांडे ने नवनिर्वाचित सदस्यों का स्वागत किया और राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए काम करने का आह्वान किया.


कुछ नेताओं की नजर कैबिनेट पर


तीन दिन चलने वाले इस सत्र में शपथ ग्रहण और नए स्पीकर के चुनाव होना है. बुधवार (24 मई) को इसके होने की संभावना है. पहले दिन 182 विधायकों ने शपथ ली. सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ नेताओं ने स्पीकर पद का प्रस्ताव ठुकरा दिया है, क्योंकि वे कैबिनेट में बर्थ पर नजर गड़ाए हुए हैं. इन वरिष्ठों के नाम आरवी देशपांडे, एचके पाटिल, टीबी जयचंद्र, बसवराज रायरेड्डी और केएन राजन्ना हैं.


इसके अलावा, दिनेश गुंडुराव और अजय सिंह जैसे युवा विधायकों ने भी पीठासीन अधिकारी बनने के लिए कोई उत्साह नहीं दिखाया है, जबकि उनकी प्राथमिकता भी मंत्री बनना है.


ये भी पढ़ें- Karnataka Politics: यूटी खादर के कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष बनने की संभावना, दाखिल किया नामांकन- इन नेताओं ने ठुकराया प्रस्ताव