Karnataka Assembly Winter Session: महाराष्ट्र और कर्नाटक का सीमा विवाद बढ़ता जा रहा है. वहीं कर्नाटक विधानसभा चुनाव में लगभग पांच महीने का समय बचा है. इस बीच कर्नाटक विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को बेलगावी में ‘सुवर्ण विधान सौध’ में शुरू होगा.


महाराष्ट्र की सीमा से सटे उत्तरी जिला मुख्यालय शहर में राज्य की वर्तमान सरकार (बीजेपी) का आखिरी सत्र होगा. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के प्रशासन के लिए यह सत्र महत्वपूर्ण है. क्योंकि चुनावों की घोषणा होने से पहले केवल संयुक्त सत्र और बजट सत्र ही बचेगा. राज्य में अगले साल अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है. 30 दिसंबर तक विधानसभा के चलने वाले शीत सत्र में हंगामा होने के पूरे आसार हैं. क्योंकि सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दल कई मुद्दों को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.


विपक्षी दल शीतकालीन सत्र सरकार को घेरेंगे
विपक्षी दलों की ओर से विभिन्न विभागों में कथित भ्रष्टाचार, मतदाताओं से जुड़ी जानकारियों की चोरी से संबंधित घोटाले, सीमा विवाद और सरकार द्वारा इससे निपटने के तरीके, सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति, मेंगलुरु में कूकर विस्फोट और किसानों की मांगों जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की संभावना है. चुनाव का समय करीब आने के मद्देनजर विपक्षी दल सरकार को 2018 के चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा न करने और कई शहरी इलाकों खासतौर से बेंगलुरु में बुनियादी ढांचे की समस्या जैसे मुद्दों पर सरकार को घेर सकते है.


बीजेपी भी विपक्ष पर निशाना साधेगी
विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के सदस्य पंचमसाली और वोक्कालिंग जैसे विभिन्न समुदायों को आरक्षण देने की मांग भी उठा सकते हैं. सत्तारूढ़ बीजेपी भी विपक्षी दलों पर खासतौर से कांग्रेस पर उसके नेताओं की मेंगलुरु कूकर बम विस्फोट और हिंदू विरोधी टिप्पणियों को लेकर निशाना साधने की योजना बना रही है. यह सत्र उत्तर कर्नाटक में हो रहा है, ऐसे में इसमें क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर अलग से चर्चा हो सकती है. विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कगेरी ने कहा कि सत्र के दौरान छह विधेयकों पर चर्चा हो सकती है.


दोनों राज्यों में चल रहा है सीमा विवाद
बेलगावी महाराष्ट्र की सीमा से लगता है. महाराष्ट्र बेलगावी और आसपास के कुछ स्थानों पर अपना दावा जताता है. पिछले 16 सालों में बेलगावी में 9 शीतकालीन सत्र हुए हैं. इनमें से सात सत्र सुवर्ण सौध में और दो उसके बाहर हुए हैं. सुवर्ण विधान सौध को बेंगलुरु में स्थित राज्य सचिवालय विधान सौध की तर्ज पर बनाया गया है. इसका कदम का मकसद यह संदेश देना है कि बेलगावी कर्नाटक का अभिन्न हिस्सा है. 


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