Karnataka: कर्नाटक के किसानों को शादी के लिए दुल्हन नहीं मिल रही है, इससे तंग आकर सैकड़ों किसान मांड्या के मंदिर तक एक मार्च निकालने वाले हैं. इस मार्च में वह मंदिर जाएंगे और देवी मां से उनकी शादी कराने की प्रार्थना करेंगे. इसी साल फरवरी महीने में सैकड़ों अविवाहित किसानों ने ऐसा मार्च निकाला था. 


संतोष नाम के किसान ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनकी उम्र 30 साल से अधिक हो चुकी है. फरवरी में उनके जैसे सैकड़ों किसानों ने चामराजनगर जिले के एमएम हिल्स मंदिर तक ट्रैकिंग की थी. उन्होंने कहा, हम शादी करने के लिए दहेज की मांग नहीं कर रहे हैं. हम अपनी पत्नियों की रानियों की तरह देखभाल करते हैं लेकिन फिर भी कोई परिवार हमें अपनी बेटियां देने को तैयार नहीं है.


किसान होने की वजह से नहीं हो रही शादी
संतोष ने कहा, हमने लोगों को इस समस्या के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए यह पदयात्रा निकाली है. कई किसानों का कहना है कि वह खेती से नौकरीपेशा लोगों के मुकाबले ज्यादा पैसा कमाते हैं लेकिन बावजूद इसके कोई भी परिवार सिर्फ उनके किसान होने की वजह से अपनी बेटी उनको नहीं देना चाहता है. ऐसी समस्या सिर्फ कर्नाटक में नहीं है.


कई राज्यों के किसान कर रहे हैं ऐसी समस्या का सामना
इस समस्या का सामना महाराष्ट्र, तमिलनाडु, और आंध्र प्रदेश के किसान भी कर रहे हैं. उनकी भी शादी सिर्फ किसान होने की वजह से नहीं हो पा रही है. जिस वजह से वह चिंता में हैं. इस मार्च का नेतृत्व कर रही संस्था के संस्थापक केएम शिवप्रसाद ने कहा, हम आदिचुंचनगिरी के संत निर्मलानंदनाथ स्वामी से मिले और संत ने यात्रा के लिए अपनी सहमति दे दी. शिवप्रसाद का कहना है कि यह सामाजिक समस्या है. हम राज्य के लोगों में जागरुकता पैदा करना चाहते हैं. 


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