Karnataka Bandh today: बेलगावी में एक बस कंडक्टर पर कथित हमले के विरोध में कई कन्नड़ समर्थक समूहों ने आज (22 मार्च) को कर्नाटक बंद का आह्वान किया है. ये बंद सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक आयोजित किया गया है. हालांकि इस बंद का कर्नाटक सरकार समर्थन नहीं कर रही है. 


कर्नाटक डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने गुरुवार को कहा था कि सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार बंद का समर्थन नहीं करेगी. उन्होंने कहा, 'हम उन्हें (संगठनों को) समझाएंगे कि यह सही कदम नहीं है क्योंकि इसका असर उन छात्रों पर पड़ेगा जिनकी परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं.' 


कर्नाटक बंद के आह्वान के बाद बेलगावी और राज्य के अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती उम्मीद है. यात्रियों, कारोबारियों और छात्रों को चेतावनी दी गई है कि बंद से उनकी सामान्य दिनचर्या प्रभावित हो सकती है. बता दें कि कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) के कंडक्टर पर मराठी न बोलने के कारण कथित तौर पर हमला किया गया, जिससे बाद दोनों भाषा को लेकर विवाद बढ़ गया और दोनों राज्यों के बीच बस सेवा भी बंद कर दी गई. 


क्या खुला रहेगा और क्या रहेगा बंद? 


बस सर्विस: कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) और बेंगलुरु महानगर परिवहन निगम (BMTC) की यूनियनों ने इस बंद का समर्थन किया है, जिससे राज्यभर में बस सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं. 


ओला-उबर सर्विस: थर्ड पार्टी ट्रांसपोर्ट सर्विस जैसे ओला, उबर और कुछ रिक्शा यूनियनों ने भी इस बंद का समर्थन किया है, जिससे राज्य में ट्रांसपोर्ट बाधित होगा. हालांकि मेट्रो, रेलवे और एयरपोर्ट सेवाएं बिना रुके जारी रहेंगी. 


बैंक: शनिवार होने की वजह से बैंक बंद रहेंगे. कुछ स्कूलों और कॉलेजों में आज छुट्टी हो सकती है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.


रेस्तरां-सिनेमा: कन्नड़ समर्थक संगठनों द्वारा संपर्क किए जाने के बाद रेस्तरां और सिनेमा समेत अन्य व्यवसायों ने इस बंद का प्रतीकात्मक समर्थन दिया है. हालांकि उनके चालू रहने की उम्मीद है. 


सरकारी कार्यालय: कर्नाटक बंद के बाद भी सरकारी कार्यालय भी खुले रहेंगे और स्वास्थ्य सेवा या अन्य आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले सभी स्थान भी चालू रहेंगे.


क्या है पूरा विवाद, जिसकी वजह से दोनों राज्यों के बीच बस सेवा हुई बंद?


पिछले महीने बेलगावी से बालेकुंडरी तक चलने वाली KSRTC की एक बस के कंडक्टर पर मराठी समर्थक संगठनों से जुड़े लोगों ने कथित तौर पर कन्नड़ बोलने की वजह से हमला किया था. इस घटना के बाद बवाल इतना बढ़ गया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बस सेवाएं स्थगित कर दी गईं. कंडक्टर पर हमले ने दोनों राज्यों के बीच भाषा विवाद के लंबे इतिहास पर फिर से बहस छेड़ दी. दरअसल बेलगावी में मराठी भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है और देश की आजादी के बाद महाराष्ट्र ने बेलगावी पर दावा किया था, लेकिन उसे कर्नाटक में शामिल किया गया था. तब से दोनों राज्यों की सीमा पर भाषाई संघर्ष एक मुद्दा रहा है.


मराठी समर्थक संगठनों पर प्रतिबंध की मांग


कई कन्नड़ संगठनों के गठबंधन कन्नड़ ओक्कुटा ने इस बंद का आयोजन किया है, जिसमें क्षेत्र में हिंसा भड़काने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए मराठी समर्थक संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. इतना ही नहीं कन्नड़ ओक्कुटा की मांग है कि मराठी समर्थक संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाए.