'हमारे घरों में आकर रहें विधायक', देश के इस राज्य के किसानों ने क्यों उठाई ये मांग? जानिए पूरा मामला
Karnataka Drought News: कर्नाटक में इन दिनों किसान संगठनों की तरफ से एक खास पहल की शुरुआत की जा रही है. आइए इस पहल के बारे में जानते हैं.
Karnataka Drought: कर्नाटक के ज्यादातर हिस्सों में भीषण सूखे की वजह से किसान काफी परेशान हैं. यही वजह है कि अब बेलगावी जिले के किसानों के संगठनों ने राज्य के विधायकों से कहा है कि वे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान उनके घरों पर आकर रखें. इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि इसके पीछे एक खास वजह है. कर्नाटक में विधानसभा का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होने वाला है, जो 10 दिन तक चलेगा.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, किसान संगठनों के जरिए विधायकों को किसान के घर में आकर रहने को इसलिए कहा गया है, ताकि वे ये समझ पाएं कि सूखे की वजह से किसानों को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस पहल के जरिए विधायकों को बिल्कुल ग्राउंड लेवल जाकर किसानों की परेशानियों की जानकारी तो मिलेगी ही, साथ ही साथ कभी कभार जिले में आकर रहने पर होने वाले खर्च को भी कम किया जा सकेगा.
किन किसान संगठनों ने उठाई मांग?
उत्तर कर्नाटक गन्ना उत्पादक संघ के संयोजक सिद्धागौड़ा मोदगाई ने बताया कि बेलगावी में किसान संगठनों ने संयुक्त रूप से विधानसभा और परिषद दोनों सदस्यों से सत्र के दौरान किसानों के घरों पर रहने की गुजारिश की है. ये सभी किसान संगठन कर्नाटक राज्य रायत संघ और उत्तर कर्नाटक गन्ना उत्पादक संघ के बैनर तले एकजुट हुए हैं. बेलगावी के किसानों को सूखे की समस्या की वजह से काफी परेशानियां हो रही हैं, जिसे लेकर वह ये पहल लेकर आए हैं.
विधायकों ने क्या कहा?
हालांकि, कुछ विधायकों ने किसान संगठनों के इस प्रस्ताव को अपमान के तौर पर देखा है. उन्होंने तर्क दिया कि वे पहले से ही किसानों के जरिए सामना किए जा रहे चुनौतियों को जानते हैं. इस वजह से उन्हें परेशानियों को समझने के लिए किसानों के घर में रहने की जरूरत नहीं है. नाम न छापने की शर्त पर एक विधायक ने कहा, 'हम पहले से ही जानते हैं कि किसानों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और यह जानने के लिए हमें उनके घर पर रुकने की कोई जरूरत नहीं है.'
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के विधायकों ने किसान संगठन की तरफ से शुरू किए जा रहे इस पहल का स्वागत किया है. लेकिन इसका विरोध करने वाले विधायकों की संख्या भी ठीक-ठाक है.
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