Karnataka: पूर्व CM येदियुरप्पा का चुनावी राजनीति से संन्यास का एलान, कहा- मेरा लक्ष्य 2024 में पीएम मोदी की जीत
BS Yeddyurappa : बी एस येदियुरप्पा ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा करते हुए कहा कि वह सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे और उनका उद्देश्य राज्य में बीजेपी सरकार को सत्ता में वापस लाना है.
Karnataka Elections: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है. येदियुरप्पा, जो बीजेपी की केंद्रीय संसदीय समिति के सदस्य भी हैं, ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह राजनीति में बने रहेंगे. बेलगावी में येदियुरप्पा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और भविष्य में उनकी कोई चुनाव लड़ने की योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं अभी 80 साल का हूं. मैं चुनाव नहीं लड़ सकता.
उन्होंने कहा कि वह सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे और अब उनका एकमात्र उद्देश्य राज्य में बीजेपी सरकार को सत्ता में वापस लाना है. उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी सुनिश्चित करना भी है.
येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने कोई भी चुनाव न लड़ने का फैसला तब किया जब उन्होंने एक साल पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा कि पुराने मैसूर क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं का दबाव था कि बेटे विजयेंद्र को वहां से उतारा जाए, लेकिन मैं शिकारीपुर छोड़ रहा हूं, इसलिए वह यहां से चुनाव लड़ेंगे. विजयेंद्र ज्य बीजेपी के उपाध्यक्ष भी हैं.
कार्यकर्ताओं ने मैदान में उतारने का दबाव डाला
येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र ने कहा, “एक महीने पहले, शिकारीपुर के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बेंगलुरु में मेरे पिता से मुलाकात की और मुझे इस निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारने का दबाव डाला.” विपक्ष के बारे में बात करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि कर्नाटक के दो लोग दावा कर रहे हैं कि वे अगले मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन बीजेपी का ही कोई अगला मुख्यमंत्री होगा.
विजयेंद्र शिकारीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे
येदियुरप्पा पार्टी में अपने बेटे बीवाई विजयेंद्र के लिए उपयुक्त स्थिति के लिए बल्लेबाजी कर रहे हैं. उन्होंने पहले घोषणा की थी कि विजयेंद्र शिकारीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे, जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं. बाद में उन्होंने कहा कि पार्टी इस पर अंतिम फैसला लेगी. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने दावा किया कि येदियुरप्पा को पार्टी के भीतर तिरस्कृत किया जाता है. उनकी इस घोषणा से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई.
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