Bengaluru Anti Encroachment Drive: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु अभी हाल ही में बारिश और जलजमाव के बाद बेहाल हो गई थी. इंजीनियर से लेकर अधिकतर कर्मचारियों को ऑफिस जाने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा था. सरकार ने बारिश के बाद बेंगलुरु में बने हालात के लिए सीवेज और जल निकासी सिस्टम पर अतिक्रमण को बड़ी वजह बताई थी. इस बीच बेंगलुरु में अतिक्रमण के खिलाफ सोमवार से शुरु अभियान (Anti Encroachment Drive) आज भी जारी रहा. बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) ने महादेवपुरा के कई क्षेत्रों में स्टॉर्म वाटर लाइन पर आने वाले अवैध ढांचे को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया.
बेंगलुरु (Bengaluru) नगर निगम ने स्टॉर्म वाटर लाइन पर पिछले कुछ सालों में हुए अतिक्रमणों को चिन्हित कर उन्हें बाढ़ और जलजमाव के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी
बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) की टीम ने महादेवपुरा क्षेत्र में शांतिनिकेतन में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया. इस अतिक्रमण के खिलाफ अभियान में पॉश इलाके में कुछ बंगलों के कुछ हिस्सों को आंशिक रूप से तोड़ दिया गया. इस तरह के अतिक्रमण को बेंगलुरु के कुछ हिस्सों में भारी बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. अभियान का हिस्सा रहे बीबीएमपी के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार ने मंजूरी दे दी है और किसी को भी बख्शने का कोई सवाल ही नहीं है, चाहे वह कितना भी पावरफुल आदमी क्यों न हो?
महादेवपुरा क्षेत्र में 10 जगहों की पहचान
बीबीएमपी ने सोमवार को शहर के कुछ हिस्सों में बारिश की वजह से आई बाढ़ के कारण हुए तबाही के कुछ दिनों के भीतर तोड़फोड़ अभियान शुरू किया था. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बीबीएमपी ने महादेवपुरा क्षेत्र में कम से कम 10 स्थानों की पहचान की, जो बारिश के पानी के प्रवाह को रोक रहे थे, जिसमें एक प्रमुख निजी स्कूल का एक भवन, खेल का मैदान और पार्क शामिल था.
सीएम बसवराज बोम्मई का सख्त निर्देश?
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने जोर देकर कहा है कि अतिक्रमण विरोधी अभियान (Anti Encroachment Drive) बड़े पैमाने पर किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा था कि उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिस किसी ने भी बरसाती नालों पर ढांचों का निर्माण किया है और बारिश के पानी के बहाव को बाधित किया है, उस पर से अतिक्रमण हटाएं. वहीं, अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर कुछ निवासियों ने आरोप लगाया कि केवल गरीब लोगों को टारगेट किया जा रहा है.
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